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GST Council ने कुछ आइटम्स पर टैक्स छूट हटाने के प्रस्ताव को दी मंजूरी, कल इन अहम मुद्दों पर होगी चर्चा

GST काउंसिल की बैठक के पहले दिन आज राज्यों को सोने और कीमती पत्थरों की एक राज्य से दूसरे राज्य में आवाजाही के लिए ई-वे बिल जारी करने की अनुमति दी गई.

GST काउंसिल की बैठक के पहले दिन आज राज्यों को सोने और कीमती पत्थरों की एक राज्य से दूसरे राज्य में आवाजाही के लिए ई-वे बिल जारी करने की अनुमति दी गई.

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FE Hindi Desk
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GST council clears proposal to remove tax exemptions

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में GST काउंसिल की 47वीं बैठक चंडीगढ़ में चल रही है.

GST Council: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में GST काउंसिल की 47वीं बैठक चंडीगढ़ में चल रही है. जीएसटी काउंसिल ने आज बैठक के पहले दिन मंगलवार को कुछ गुड्स और सर्विसेज पर टैक्स रेट्स में बदलाव को मंजूरी दी. वहीं, राज्यों को सोने और कीमती पत्थरों की एक राज्य से दूसरे राज्य में आवाजाही के लिए ई-वे बिल जारी करने की अनुमति दी गई. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. दो दिन की इस बैठक में कई अहम निर्णय लिए जाने की उम्मीद है. जीएसटी परिषद की बैठक के पहले दिन जीएसटी में रजिस्टर्ड कंपनियों के लिये कई कंप्लायंस संबंधी प्रक्रियाओं और GoM की कर चोरी रोकने संबंधी रिपोर्ट को भी मंजूरी दी गई.

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बैठक के पहले दिन लिए गए ये फैसले

मंगलवार को हुई बैठक में काउंसिल ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई की अध्यक्षता में राज्य के वित्त मंत्रियों के समूह (GoM) की अंतरिम रिपोर्ट को मंजूरी दे दी, जिसमें जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने की बात कही गई है. कमेटी ने टैक्स स्लैब में बदलाव की सिफारिश की है. GoM ने कई सर्विसेज पर जीएसटी छूट को वापस लेने का सुझाव दिया था, जिसमें प्रति दिन 1,000 रुपये से कम के होटल कमरों पर 12 फीसदी टैक्स लगाने की सिफारिश शामिल है. अभी इस पर कोई कर नहीं लगता है. इसके अलावा, अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए 5,000 रुपये से अधिक किराए वाले कमरे (आईसीयू को छोड़कर) पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने की भी सिफारिश की गई है.

GoM ने पोस्टकार्ड और अंतर्देशीय पत्र, ‘बुक पोस्ट’ और 10 ग्राम से कम वजन के लिफाफे को छोड़कर अन्य डाकघर सेवाओं पर कर लगाने का सुझाव दिया है. राज्यों के भीतर, सोना, आभूषण और मूल्यवान पत्थरों की आवाजाही के लिए ई-वे बिल को लेकर काउंसिल ने सिफारिश की है कि राज्य एक सीमा तय कर सकते हैं जिसके ऊपर इलेक्ट्रॉनिक बिल जारी करना अनिवार्य होगा. मंत्रियों के समूह ने सीमा दो लाख रुपये या उससे ऊपर रखने की सिफारिश की है. हाई रिस्क वाले टैक्सपेयर्स को लेकर GoM की रिपोर्ट में जीएसटी के तहत हाई रिस्क वाले करदाताओं के रजिस्ट्रेशन के बाद वेरिफिकेशन का सुझाव दिया गया है. ऐसे करदाताओं की पहचान के लिये इसमें इलेक्ट्रिसिटी बिल के ब्योरे और बैंक अकाउंट्स के वेरिफिकेशन की भी बात कही गई है.

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कल इन अहम मुद्दों पर होगी चर्चा

राज्यों को मिल रहे जीएसटी कंपनसेशन को और 5 साल के लिए बढ़ाने के साथ ही कैसीनो, ऑनलाइन गेमिंग और घुड़दौड़ पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने जैसे कई अहम मुद्दों पर कल चर्चा होगी. राजस्व में कमी आने की आशंका से परेशान कई विपक्ष-शासित राज्यों ने मांग की है कि GST व्यवस्था के तहत राजस्व बंटवारे का फॉर्मूला बदला जाए या फिर कंपनसेशन पीरियड को अगले पांच साल के लिए बढ़ाया जाए. जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों से राजस्व नुकसान की भरपाई करने का वादा किया था. कंपनसेशन की व्यवस्था 5 साल के लिए लागू की गई थी. यह समयसीमा 30 जून को ही खत्म हो रही है. छत्तीसगढ़, केरल और पश्चिम बंगाल ने इस संबंध में अपनी मांग उठाई है.

(इनपुट-पीटीआई)

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