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GST टैक्स स्लैब में हो सकता है बदलाव, 5 फीसदी को बढ़ाकर 8 फीसदी करने पर विचार कर सकती है काउंसिल

सूत्रों का कहना है कि बैठक में टैक्स की दर को 5 फीसदी से बढ़ाकर 8 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा जा सकता है, जिससे सालाना 1.50 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है.

सूत्रों का कहना है कि बैठक में टैक्स की दर को 5 फीसदी से बढ़ाकर 8 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा जा सकता है, जिससे सालाना 1.50 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है.

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GST Council may consider proposal to raise lowest slab to 8 pc, rationalise tax slabs

GST काउंसिल अपनी अगली बैठक में सबसे निचली टैक्स स्लैब रेट को 5 फीसदी से बढ़ाकर 8 फीसदी करने पर विचार कर सकती है.

GST काउंसिल अपनी अगली बैठक में सबसे निचली टैक्स स्लैब रेट को 5 फीसदी से बढ़ाकर 8 फीसदी करने पर विचार कर सकती है. इसके अलावा, सूत्रों के मुताबिक राजस्व बढ़ाने और क्षतिपूर्ति के लिए केंद्र पर राज्यों की निर्भरता को खत्म करने के लिए जीएसटी प्रणाली में छूट वाले प्रोडक्ट्स की लिस्ट में भी काट-छांट की जा सकती है. राज्यों के वित्त मंत्रियों की एक समिति जीएसटी काउंसिल को इस माह के अंत तक अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है, जिसमें सबसे निचले टैक्स स्लैब को बढ़ाने व स्लैब को तर्कसंगत बनाने जैसे कई अहम सुझाव दिए जा सकते हैं.

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रिपोर्ट में दिए जा सकते हैं कई अहम सुझाव

  • अभी जीएसटी में चार स्लैब हैं, जिसमें टैक्स की दर 5, 12, 18 और 28 फीसदी है. आवश्यक वस्तुओं को या तो इस कर से छूट प्राप्त है या फिर उन्हें सबसे निचले स्लैब में रखा जाता है. वहीं, लग्जरी वस्तुओं को सबसे ऊपरी टैक्स स्लैब में रखा जाता है.
  • सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में टैक्स की दर को पांच फीसदी से बढ़ाकर आठ फीसदी करने का प्रस्ताव रखा जा सकता है, जिससे सालाना 1.50 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है.
  • निचले स्लैब में एक फीसदी की वृद्धि करने पर सालाना 50,000 करोड़ रुपये का राजस्व लाभ होगा, इस स्लैब में पैकेटबंद फूड आइटम्स आते हैं.
  • इसके अलावा, टैक्स स्लैब को तीन स्तरीय करने का प्रस्ताव भी रखा जा सकता है, जिसमें टैक्स रेट 8, 18 और 28 फीसदी रखी जा सकती है. अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है तो 12 फीसदी के दायरे में आने वाले सभी प्रोडक्ट्स व सर्विसेज 18 फीसदी के स्लैब में आ जाएंगी.

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इसके अलावा, समिति द्वारा जीएसटी से छूट प्राप्त वस्तुओं की संख्या कम करने का भी प्रस्ताव देगी. अभी बिना ब्रांड वाले और बिना पैकेज वाले फूड आइटम्स और डेयरी वस्तुएं जीएसटी के दायरे से बाहर हैं. सूत्रों ने बताया कि जीएसटी काउंसिल की बैठक इस महीने के अंत में या अगले महीने की शुरुआत में हो सकती है. इसमें मंत्री समूह की रिपोर्ट पर चर्चा की जाएगी.

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