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GST Rates: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि सरकार ने जीएसटी काउंसिल को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें जीएसटी दरों को तर्कसंगत यानी बदलाव के बारे में फैसला साल में एक बार करने पर विचार करना चाहिए. न कि हर तीन महीने पर दरों में बदलाव करना चाहिए. सीतारमण का कहना है कि अप्रत्यक्ष कर की दरों में हर तीन महीने पर बदलाव से इंडस्ट्री के साथ-साथ सरकार के लिए भी अनिश्चितता की स्थिति पैदा होती है.
बिजनेस प्लान पर होता है असर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है, ''जीएसटी के तहत एक निश्चित टैक्स रेट तय होता है. इसमें प्रत्येक बदलाव से रिफंड की समस्या खड़ी होती है. इसलिए जब किसी सामान की दरें अचानक नीचे आती हैं, तो इसका असर दूसरी वस्तुओं पर होता है. साथ ही इससे बिजनेस को लेकर आगे के प्लान और टैक्सेशन का आकलन भी प्रभावित होता है. इसी तरह, सरकार भी यह आकलन नहीं कर पाती कि पूरे साल में उसे जीएसटी से केंद्र और राज्य सरकारों की कितनी कमाई होगी.''
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अभी औपचारिक प्रस्ताव नहीं
सीतारमण ने कहा, ''हमने जीएसटी काउंसिल में इस पर चर्चा की और अब इस पर विचार करने का प्रस्ताव दिया है. यह प्रस्ताव औपचारिक नहीं है. यह हमारी संक्षित चर्चा का एक हिस्सा है. हमने कहा कि हम इस स्थिति पर चर्चा कर सकते हैं जहां टैक्स दरों में एक साल में एक बार बदलाव का प्रावधान हो. चाहें उसमें बढ़ोतरी की बात हो या कम करने की. हर तीन महीने पर ऐसा नहीं करना चाहिए.''
इससे पहले, वित्त मंत्रालय ने उद्योगों, व्यापार संगठनों और निवेशक बैंकर्स के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी. इस दौरान बजट 2020-21 में कई प्रावधानों और अलग-अलग मसलों पर चर्चा की गई. बता दें, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2020 को बजट 2020 पेश किया था.