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41st GST Council meeting: राज्यों को मुआवजा देने के लिए RBI से कर्ज लेने पर भी विचार

गुरुवार को GST काउंसिल की 41वीं बैठक हुई. इस बैठक में राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के मुद्दे और कई प्रॉडक्ट पर जीएसटी रेट्स में संशोधन को लेकर विस्तृत चर्चा हुई.

गुरुवार को GST काउंसिल की 41वीं बैठक हुई. इस बैठक में राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के मुद्दे और कई प्रॉडक्ट पर जीएसटी रेट्स में संशोधन को लेकर विस्तृत चर्चा हुई.

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41st GST Council meeting: राज्यों को मुआवजा देने के लिए RBI से कर्ज लेने पर भी विचार

Revenue Secretary Ajay Bhushan Pandey said of this, Rs 97,000 crore is on account of GST shortfall, while the rest is due to the impact of COVID-19 on the economy. 

GST Council Meet today, finance minister, nirmala sitharaman goods and services tax, gst on two wheelers कोविड19 के कारण इस साल GST कलेक्शन को काफी नुकसान हुआ है. राज्यों को क्षतिपूर्ति दिए जाने की जरूरत.

41st GST Council meeting today: गुरुवार को GST काउंसिल की 41वीं बैठक हुई. इस बैठक में राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के मुद्दे को लेकर विस्तृत चर्चा हुई. राज्यों को जीएसटी मुआवजे का भुगतान करने के लिए विकल्पों में रिजर्व बैंक से उधारी लेने का प्रस्ताव रखा गया. इस संबंध में फैसला होना अभी बाकी है. जीएसटी परिषद की बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की. बैठक के बाद वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने कहा कि कोविड19 के कारण इस साल जीएसटी कलेक्शन को काफी नुकसान हुआ है. जीएसटी मुआवजा कानून के मुताबिक, राज्यों को क्षतिपूर्ति दिए जाने की जरूरत है.

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उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार जीएसटी मुआवजे के तौर पर राज्यों को वित्त वर्ष 2019-20 में 1.65 लाख करोड़ रुपये से अधिक जारी कर चुकी है. इसमें मार्च के लिए 13806 करोड़ रुपये का मुआवजा शामिल है. गुजरे वित्त वर्ष में सेस से आई धनराशि 95444 करोड़ रुपये रही.

जुलाई 2017 से जून 2022 तक की दी जाए क्षतिपूर्ति: अटॉर्नी जनरल

पांडे ने कहा कि जैसा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मार्च की जीएसटी काउंसिल बैठक में कहा था, जीएसटी क्षतिपूर्ति मुद्दे पर अटॉर्नी जनरल से कानूनी ​​विचार मांगे गए. अटॉर्नी जनरल ने कहा कि जुलाई 2017 से जून 2022 तक के ट्रांजिशन पीरियड के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा है कि प्रोटेक्टेड रेवेन्यु प्रोटेक्टेड ही रहेगा लेकिन कंपंजेशन गैप को सेस फंड से भरा जाए, जो कि सेस लगाने से बनता है.

इस साल कंपंजेशन गैप 2.35 लाख करोड़ रु

वित्त सचिव ने आगे कहा कि इस साल उभरा कंपंजेशन गैप (अनुमानत: 2.35 लाख करोड़ रु) कोविड19 की वजह से है. जीएसटी के लागू होने से क्षतिपूर्ति में गिरावट 97,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. उन्होंने यह भी कहा कि राज्यों के रेवेन्यु में गिरावट केवल जीएसटी के कारण नहीं है बल्कि कोविड के कारण भी है. वित्त सचिव ने कहा कि अप्रैल-जुलाई 2020 के दौरान 1.5 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी मुआवजा दिया जाना है. ऐसा इसलिए क्योंकि अप्रैल और मई में मुश्किल से कोई जीएसटी कलेक्शन हुआ है. उन्होंने कहा कि सालाना जीएसटी क्षतिपूर्ति जरूरत लगभग 3 लाख करोड़ रुपये की होगी और सेस कलेक्शन के करीब 65000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. इससे सालाना कंपंजेशन गैप 2.35 लाख करोड़ रुपये बनता है.

कंपंजेशन गैप भरने के लिए दो विकल्प

पांडे ने कहा कि अटॉर्नी जनरल की साफ राय है कि कंपंजेशन गैप को भारत के कंसोलिडेटेड फंड से नहीं भरा जा सकता. इसलिए दो विकल्प हैं. जीएसटी काउंसिल के समक्ष रखा गया पहला विकल्प है कि RBI के साथ विचार-विमर्श कर राज्यों को तार्किक ब्याज दर पर 97000 करोड़ रुपये मुहैया कराने के लिए स्पेशल विंडो उपलब्ध कराई जाए. दूसरा विकल्प यह है कि इस साल के 2.35 लाख करोड़ रुपये के पूरे कंपंजेशन गैप को RBI के साथ ​सलाह मशविरा कर राज्य भरें.

बॉरोइंग लिमिट में और 0.5% की राहत

प्रेस कॉन्फ्रेंस में ​वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार पहले विकल्प के दूसरे लैग के रूप में FRBM एक्ट के तहत राज्यों की बॉरोइंग लिमिट में और 0.5 फीसदी की राहत देगी. राज्य चाहें तो अपेक्षित मुआवजे के परे ज्यादा उधार ले सकते हैं. आगे कहा कि इस व्यवस्था पर जीएसटी काउंसिल में सह​मति बन जाने पर हम तेजी से आगे बढ़ेंगे और बकाए को क्लियर करेंगे और बाकी के वित्त वर्ष को भी देखेंगे.

राज्यों ने मांगे 7 दिन

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि राज्यों ने इन विकल्पों पर विचार करने के लिए 7 दिन का समय मांगा है. ये विकल्प केवल इसी वित्त वर्ष के लिए उपलब्ध होंगे. स्थिति की अगले साल अप्रैल 2021 में समीक्षा की जाएगी और 5वें साल के लिए कदम ​तय किए जाएंगे. हम जल्द ही अगली जीएसटी काउंसिल बैठक कर सकते हैं. टूव्हीलर्स पर जीएसटी रेट कट को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे को काउंसिल के समक्ष विचार करने के​ लिए भेजा जा सकता है.

Nirmala Sitharaman Gst