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Gyanvapi Controversy: वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में ASI का सर्वे शुरू, मुस्लिम पक्ष ने किया बहिष्कार, सुप्रीम कोर्ट में आज है सुनवाई

Varanasi Gyanvapi Controversy: इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम वाराणसी पहुंची, ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण शुरू.

Varanasi Gyanvapi Controversy: इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम वाराणसी पहुंची, ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण शुरू.

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FE Hindi Desk
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Gyanvapi Controversy: इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज होने के बाद ASI की टीम अगले दिन सुबह 7 बजे ही भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच सर्वे के लिए ज्ञानवापी परिसर में दाखिल हो गई.(PTI Photo)

ASI begins survey of Varanasi Gyanvapi complex amid tight security: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी परिसर का सर्वे शुरू हो गया है. मुस्लिम पक्ष ने इस सर्वे का बहिष्कार करने का एलान किया है. ज्ञानवापी परिसर के सर्वे पर रोक लगाने की मांग करने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका कल यानी गुरुवार को ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में खारिज हुई. मुस्लिम पक्ष ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है, जिस पर आज यानी शुक्रवार को सुनवाई होने की उम्मीद है. लेकिन इस बीच, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम ने जबरदस्त मुस्तैदी दिखाई और हाईकोर्ट का फैसला आने की अगली सुबह ही वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर जा पहुंची और सर्वे का काम भी शुरू कर दिया.

सुबह 7 बजे ज्ञानवापी में दाखिल हो गई ASI की टीम

सर्वे की मांग करने वाले हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि एएसआई की 43 सदस्यों की टीम सुबह करीब 7 बजे ज्ञानवापी परिसर में दाखिल हो गई और सर्वे शुरू कर दिया. यादव ने यह भी कहा कि सर्वे का काम पांच-छह दिनों तक चलने की संभावना है. उन्होंने बताया कि इस दौरान हिंदू याचिकाकर्ता अपने वकीलों के साथ मौके पर मौजूद हैं. मुस्लिम पक्ष की तरफ से कोई भी मौजूद नहीं है.

मुस्लिम पक्ष क्यों कर रहा सर्वे का बहिष्कार?

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मुस्लिम पक्ष ने इस सर्वे का बहिष्कार करने का फैसला किया है. अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने इसकी पुष्टि करते हुए पीटीआई से कहा कि मुस्लिम पक्ष के वकील इस सर्वे में शामिल नहीं होंगे, क्योंकि इस सर्वे के निर्णय को मुसलमानों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पहले ही चुनौती दी जा चुकी है. उन्होंने कहा, "हाईकोर्ट ने एएसआई को ज्ञानवापी मस्जिद का बिना तोड़-फोड़ किए सर्वे करने का आदेश दिया है. अंजुमन इंतज़ामिया मसाजिद कमेटी ने गुरुवार को ही सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश के खिलाफ अपील कर दी थी, जिस पर आज सुनवाई भी होनी है. इसकी सूचना हमने वाराणसी के आला प्रशासनिक अफसरों को भी दे दी थी." यासीन ने कहा, "हमने अनुरोध किया था कि सर्वोच्च न्यायालय का आदेश आने तक सर्वे स्थगित रखा जाए. दिल्ली से हमारे वकील ने इस बारे में वाराणसी के अधिकारियों को चिट्ठी भी भेजी थी, लेकिन उसका जवाब नहीं दिया गया. इसके बाद कमेटी ने देर रात बैठक करके फैसला किया कि वो इस सर्वे से अलग रहेगी."

24 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी सर्वे पर रोक

इससे पहले वाराणसी जिला अदालत के निर्णय के बाद एएसआई की टीम ने पिछली 24 जुलाई को भी ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का काम शुरू किया था लेकिन कुछ ही घंटों बाद अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस सर्वे पर फौरन रोक लगा दी थी और मामले को इलाहाबाद हाईकोर्ट के सामने रखने का आदेश दिया था. इसके बाद हाईकोर्ट ने कल यानी गुरुवार 3 अगस्त को फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज करते हुए ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराने के निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा था. मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट के इस फैसले को कल ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दे दी है, लेकिन उनकी अपील पर सुनवाई से पहले ही एएसआई ने सर्वे का काम शुरू कर दिया. इस सर्वेक्षण का मकसद यह पता लगाना है कि 17वीं सदी में ज्ञानवापी मस्जिद बनाए जाने से पहले वहां मंदिर था या नहीं.

Supreme Court Varanasi Gyanvapi Masjid Case