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H3N2 Influenza Alert: कर्नाटक में पहली और हरियाणा में दूसरी मौत हुई है. (Image Credits: Pixabay)
H3N2 Virus Death: पिछले कुछ महीनों से देश में फ्लू के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. अब तक H3N2 वायरस से करीब 90 लोग संक्रमित हो चुके हैं. वहीं, इससे जुड़ी दो मौत की खबर आज सुबह सामने आई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कर्नाटक में पहली और हरियाणा में दूसरी मौत हुई है. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि H3N2 वायरस के कारण कर्नाटक के 82 वर्षीय हीरे गौड़ा की मौत हो गई, वह मधुमेह से पीड़ित थे. H3N2 वायरस को 'हांगकांग फ्लू' के नाम से भी जाना जाता है. यह वायरस देश में मौजूद अन्य इन्फ्लूएंजा सब-टाइप्स की तुलना में अधिक खतरनाक है.
स्वास्थ्य विभाग का क्या है कहना?
आज सुबह की स्वास्थ्य विभाग ने H3N2 वायरस से जुड़ी पहली मौत की पुष्टि की. वहीं, कर्नाटक के हासन के जिला स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक हिरे गौड़ा की एक मार्च को वायरस के कारण मौत हो गई थी. स्वास्थ्य अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि इस बात की पुष्टि हो गई है कि 82 वर्षीय हीरे गौड़ा की एक मार्च को H3N2 वायरस से मौत हो गई थी. उन्होंने यह भी कहा कि गौड़ा मधुमेह के रोगी थे और हाई बीपी से भी पीड़ित थे. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने आगे कहा कि रोगी को 24 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 1 मार्च को उसकी मृत्यु हो गई. परीक्षण के लिए भेजे गए नमूने में पुष्टि हुई कि वह वायरस से संक्रमित थे.
भारत में तेजी से बढ़ रहा है H3N2 वायरस
कई लोग H3N2 वायरस की तुलना कोरोना वायरस से कर रहे हैं. हालांकि यह उतना खतरनाक नहीं है, लेकिन फिर भी इससे बचना जरूरी है. कुछ दिन पहले इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कहा था कि देश में कोविड के मामलों में कमी आ रही है, लेकिन वायरल संक्रमण अब भी तेजी से बढ़ रहा है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण एच3एन2 वायरस है. वायरस से जुड़ी पहली मौत की खबर कर्नाटक से आ रही है. जबकि करीब पांच दिन पहले राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ के सुधाकर ने एच3एन2 वायरस के संक्रमण में अचानक आई तेजी को देखते हुए अधिकारियों के साथ बैठक की थी.
गर्भवती महिलाओं को सबसे ज्यादा खतरा
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ के सुधाकर बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा था कि संक्रमण 15 साल से कम उम्र के बच्चों और 65 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों में देखा जा सकता है. गर्भवती महिलाओं के भी संक्रमित होने की संभावना अधिक होती है. उन्होंने कहा कि साफ-सफाई, भीड़-भाड़ से बचाव और हाथों की सफाई जैसे उपायों से संक्रमण के प्रसार से निपटा जा सकता है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने दी यह सलाह
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 3 मार्च, 2023 को कुछ मामलों में खांसी, मतली, उल्टी, गले में खराश, बुखार, शरीर में दर्द और यहां तक कि दस्त जैसे लक्षणों वाले रोगियों की संख्या में अचानक वृद्धि की सूचना दी. इसने डॉक्टरों को यह भी सलाह दी कि वे एंटीबायोटिक्स लिखने से परहेज करें और बीमारी के आधार पर ही उपचार का सहारा लें. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा था कि आमतौर पर संक्रमण करीब पांच से सात दिनों तक रहता है. तीन दिन के बाद बुखार उतर जाता है, लेकिन खांसी तीन सप्ताह तक बनी रह सकती है.