/financial-express-hindi/media/post_banners/HA6OdjrytSLKm5BGQO52.jpg)
67 पीएसयू बोर्ड्स में कम से कम 86 सत्ताधारी भाजपा से जुड़े हैं.
सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी SEBI ने कंपनियों में इंडिपेंडेंट डयरेक्टर्स यानी स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति से जुड़े नियमों में संशोधन किया है. इस बीच, इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक 98 पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (PSU) यानी सरकारी कंपनियों के बोर्ड में 172 स्वतंत्र निदेशक नियुक्त हैं. इनमें कम से कम 86 सत्ताधारी भाजपा से जुड़े हैं, जिनकी नियुक्ति 67 सरकारी कंपनियों के बोर्ड में की गई है. यह जानकारी द इंडियन एक्सप्रेस ने सूचना के अधिकार और 146 केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के रिकॉर्ड्स की जांच से हासिल की है. रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन एक्सप्रेस ने उन सभी से संपर्क किया, जिसमें से ज्यादातर ने अपना पक्ष भी रखा है. इनमें से कुछ स्वतंत्र निदेशकों का विवरण आप यहां देख सकते हैं :
भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड
मनीष कपूर: डिप्टी कोषाध्यक्ष, यूपी बीजेपी. (पीएसयू बोर्ड में 30 जून 2020 को नियुक्त) उन्होंने कहा कि वे एक पेशेवर हैं और एक स्वतंत्र निदेशक के तौर पर, उनकी अलग ड्यूटी हैं. वे बोर्ड की सीएसआर कमेटी की अध्यक्षता कर रहे हैं, लेकिन सब कुछ नियमों के मुताबिक किया गया है.
राजेश शर्मा: पूर्व राष्ट्रीय संयोजक, बीजेपी सीए सेल, यूपी. (20 फरवरी 2019) उन्होंने कहा कि वे अब केवल बीजेपी के सदस्य हैं. भेल से कोई सीएसआर फंड पार्टी से जुड़े किसी व्यक्ति के संगठन को जारी नहीं किया गया है.
राजकुमार बिंदल: 1996 से बीजेपी के सदस्य. (30 जनवरी 2020) उन्होंने कहा कि उनका काम अल्पसंख्यक शेयरधारकों के हितों को देखना है. उसका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है.
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड
राजेंद्र आर्लेकर: पूर्व स्पीकर, गोवा विधानसभा, पूर्व मंत्री (24 जुलाई 2019) उन्होंने कहा कि वे केवल राजनीतिक नजरिए से ही नहीं बैठते, बल्कि कंपनी, लोगों और राष्ट्र के हितों को ध्यान में रखते हुए काम करते हैं.
लता उसेंदी: उपाध्यक्ष, छत्तीसगढ़ बीजेपी, पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, कोंडागांव, (7 नवंबर 2019) उन्होंने कहा कि उनके बीजेपी में होना हितों के टकराव का मामला नहीं है.
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड
एन शंकरअप्पा: राज्य कार्यकारी सदस्य, कर्नाटक भाजपा (13 नवंबर 2019) उन्होंने कहा कि उनके बीजेपी में होने से SAIL का कुछ लेना-देना नहीं है.
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड
जी राजेंद्रन पिल्लई: राज्य कार्यकारी सदस्य, केरल भाजपा (15 जुलाई 2019) उन्होंने कहा कि HPCL को उनके भाजपा के साथ जुड़े होने से कोई दिक्कत नहीं है.
गेल इंडिया लिमिटेड
बंतो देवी कटारिया: केंद्रीय सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण राज्य मंत्री (6 अगस्त 2018) उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. उनके पति रत्नलाल कटारिया ने कहा कि वे यहां इसलिए नहीं हैं क्योंकि वे उनकी पत्नी हैं. वे भाजपा में 34 सालों से रही हैं.
पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड
ए आर महालक्ष्मी: उपाध्यक्ष, तमिलनाडु भाजपा. (26 जुलाई 2018) उन्होंने कहा कि भाजपा में होना और स्वतंत्र निदेशक के तौर पर काम करना अलग-अलग चीजें हैं. उनका आपस में कोई लेना-देना नहीं है.
शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड
विजय तुलसीरामजी जाधव: 2009 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भाजपा प्रत्याशी (3 जुलाई 2018) उन्होंने कहा कि उनके बीजेपी से जुड़े होने में हितों का कोई टकराव नहीं है क्योंकि उन्हें किसी तरह का लालच नहीं है.
मावजीभाई बी सरोथिया: गुजरात भाजपा के सीए सेल के संयोजक (17 दिसंबर 2018) उन्होंने कहा कि जब वे बैठक में भाग लेते हैं, तो वे सिर्फ कंपनी के हित में काम करते हैं और राजनीति को अलग रख देते हैं.
सेबी ने स्वतंत्र निदेशकों से जुड़े नियमों में किया संशोधन, निवेशकों के लिए नया फ्रेमवर्क पेश
ऑयल इंडिया लिमिटेड
टंगोर तपक: पूर्व मंत्री, अरुणाचल, पूर्व भापजा राज्य अध्यक्ष. (9 अगस्त 2019) उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
गगन जैन: भाजपा सदस्य, मेघालय (9 अगस्त 2019) उन्होंने कहा कि उनकी वहां सीए के तौर पर नियुक्ति की गई है, भाजपा नेता के तौर पर नहीं.
राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड
सीता सिन्हा: भाजपा राज्य एग्जीक्यूटिव सदस्य, बिहार, पूर्व जनता दल विधायक (24 जनवरी 2020) उन्होंने कहा कि RINL नियमों पर चलता है, जिसमें कोई राजनीतिक काम नहीं होता है.
NLC इंडिया लिमिटेड
नारायण नंबूथिरी: भाजपा प्रवक्ता, केरल (10 जुलाई 2019) उन्होंने कहा कि NLC में उनके काम का पार्टी के पद से कोई संबंध नहीं है.