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बिहार में घर-घर में पीने के पानी की आपूर्ति के लिए 'हर घर नल का जल' योजना चल चल रही है. अब इस योजना में बिहार सरकार के गुड गवर्नेंस की पोल खुल रही है.
The Indian Express Investigated Bihar Scheme: बिहार में घर-घर में पीने के पानी की आपूर्ति के लिए 'हर घर नल का जल' योजना चल चल रही है. अब इस योजना में बिहार सरकार के गुड गवर्नेंस की पोल खुल रही है और इंडियन एक्सप्रेस की चार महीने की लंबी जांच में सामने आया है कि इस योजना के तहत राज्य के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के परिवार के सदस्यों व सहयोगियों को 53 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट मिले. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सामने आया कि सरकारी योजनाओं को लागू करने में राजनीतिक दखल कितना अधिक होता है.
इस योजना को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने करीब पांच साल पहले लांच किया था और इसकी सफलता का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि इसके लिए 1.08 लाख पंचायत वार्ड्स का लक्ष्य रखा गया था जिसमें से 95 फीसदी हिस्सा योजना के तहत कवर हो चुका है. केंद्र सरकार ने पिछले महीने 'जल जीवन मिशन' के तहत बिहार के आंकड़ों को भी शामिल किया और इसके मुताबिक दो साल पहले बिहार के सिर्फ 1.84 फीसदी परिवारों को टैप वॉटर पहुंच में था जबकि अब यह 86.96 फीसदी तक पहुंच गया.
करीब 20 जिलों के प्रोजेक्ट की जांच
- 'हर घर नल का जल' योजना की जांच के लिए करीब 20 जिलों में प्रोजेक्ट्स से जुड़े बिजड डॉक्यूमेंट्स की जांच की गई और फिर इसका रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) व बिहार के पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट (PHED) के आंकड़ों से की गई. पीएचईडी राज्य के पंचायती राज व शहरी विकास विभागों के साथ योजना की इंप्लीमेंटिंग अथॉरिटी है. इसके अलावा एक्सप्रेस की टीम ने उन प्रोजेक्ट साइट का दौरा कर जहां राजनीतिक संपर्क वालों को कांट्रैक्ट दिए गए और लोगों से बातचीत की गई.
- रिकॉर्ड्स के मुताबिक 2019-20 में पीएचईडी ने पीने के पानी की इस योजना के तहत कटिहार जिले की 9 पंचायतों के लिए 36 प्रोजेक्ट्स अलॉट किए गए जहां से बिहार की डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद चार बार से विधायक हैं. ये प्रोजेक्ट प्रसाद की बहू पूजा कुमारी और उनके साले प्रदीप कुमार भगत व करीबी सहयोगी प्रशांत चंद्र जायसवाल, ललित किशोर व संतोष कुमार से जुड़ी कंपनियों को अलॉट किए गए.
- कुछ मामलों में प्रोजेक्ट पूरी तरह से प्रसाद के परिवार के नियंत्रण में था जैसे कि कटिहार के भवाडा पंचायत में 13 वार्ड्स में कुमार व भगत की कंपनी को प्रोजेक्ट एलॉट किए गए.
- स्कीम को लागू करने वाले अधिकारियों में एक ने नाम न छापने की शर्त पर इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि कुमार को इस फील्ड में काम का कोई अनुभव नहीं है.
- इस मामले में प्रसाद ने किसी भी राजनीतिक सहभागिता से इनकार किया और कहा कि जब ये कांट्रैक्ट अलॉट हुए थे तो वह कटिहार के सिर्फ विधायक थे और वे राज्य के उपमुख्यमंत्री नवंबर 2020 में बने.
- हालांकि प्रसाद ने इसकी पुष्टि की कि उनकी बहू को चार वार्ड्स में कांट्रैक्ट्स मिले लेकिन उन्होंने अन्य दो कंपनियों से किसी भी प्रकार के प्रत्यक्ष जुड़ाव से इनकार किया जिसमें से एक कंपनी में उनका साला भगत डायरेक्टर है.
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बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद का ये है कहना
'हर घर नल का जल' योजना को लेकर उठे सवालों पर बिहार की उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद का कहना है कि कारोबार करना गलत नहीं है. इंडियन एक्सप्रेस ने जब प्रसाद से उनके परिवार व सहयोगियों से जुड़ी कंपनियों को दिए गए कांट्रैक्ट्स पर सवाल पूछा तो उन्होंने यही जवाब दिया. प्रसाद की बहू पूजा कुमार और उनके सहयोगियों से जुड़ी दो कंपनियों को योजना के तहत कांट्रैक्ट दिए गए हैं. प्रसाद ने कहा कि उनके परिवार के पास सिर्फ एक कांट्रैक्ट है और वह उनकी बहू को मिला था. इसके अलावा यह कांट्रैक्ट पूरा भी हो चुका है.
प्रसाद के मुताबिक कटिहार में 2800 यूनिट्स हैं जबकि उनके परिवार को सिर्फ चार मिले हैं. बिजनेस करने में कुछ गलत नहीं है जब तक कि कुछ अनियमितता न हो. प्रसाद ने कहा कि उन्होंने अपने पुत्र से किसी भी सरकारी काम करने से मना किया है क्योंकि इससे अनावश्यक समस्याएं खड़ी होंगी.