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Image: PTI
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कोविड-19 (COVID19) से रिकवर हो चुके लोगों के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ‘पोस्ट कोविड19 प्रोटोकॉल जारी किए हैं. इनमें कहा गया है कि च्यवनप्राश, हल्दी दूध और इम्युनिटी को बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक दवाओं जैसे मुलेठी पाउडर, अश्वगंधा, आमला फ्रूट आदि का सेवन कोरोनावायरस से रिकवर होने के बाद के समय में प्रभावी माना जाता है. मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना से ठीक होने के बाद मरीज को थकान, शरीर दर्द, खांसी, गले मे खराश, सांस लेने में दिक्कत की शिकायत रह सकती है.
इस बात के अभी तक सीमित सुबूत हैं कि कोरोना का सिलसिला चलता रहता है लेकिन इस बारे में रिसर्च की जरूरत है और वह सक्रिय रुप से की जा रही है. पोस्ट कोविड मरीजों का ध्यान रखने और इलाज के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की जरूरत है. इसलिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों का घर में ध्यान रखने, प्रबंधन करने को लेकर कदम बताए हैं. जिन मरीजों को पहले से ही कोई बीमारी रही होगी और जो कोरोना की ज्यादा गंभीर फॉर्म से गुजरे होंगे उन्हें ठीक होने में समय ज्यादा लगेगा.
रिकवर्ड मरीज व्यक्तिगत स्तर पर क्या करें
1. मास्क पहनें, साफ सफाई रखें और फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाए रखें.
2. पर्याप्त मात्रा में गर्म पानी पिए.
3. इम्युनिटी बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक (AYUSH) दवाएं लें.
4. अगर स्वास्थ्य इजाजत देता है तो घर के नियमित काम करें, प्रोफेशनल काम धीरे-धीरे शुरू करें.
5. हल्की या मध्यम एक्सरसाइज करें. रोजाना योगासन, प्राणायाम और मेडिटेशन करें. इलाज करने वाले डॉक्टर ने सांस की एक्सरसाइज जैसे बताई हो वैसे करें. सुबह या शाम वॉक करें.
6. संतुलित आहार लें. अच्छा रहेगा कि आप आसानी से पचने वाली ताजा सॉफ्ट डाइट लें.
7. पर्याप्त नींद लें और आराम करें.
8. धूम्रपान और शराब से परहेज करें.
9. कोरोना और पुरानी बीमारी के लिए जो दवाई बताई गई हैं वह नियमित रूप से लें. डॉक्टर को आप सारी जानकारी दें कि आप कौन सी एलोपैथिक/आयुष दवाई ले रहे हैं.
10. घर पर सेल्फ हेल्थ मॉनिटरिंग करें जैसे कि टेंपरेचर, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, पल्स ऑक्सीमीटर आदि चेक करें.
11. अगर सूखी खांसी या गले में खराश बनी हुई है तो गरारे करें और भाप लें/ इसमें औषधि या मसाले का इस्तेमाल किया जा सकता है. एलोपैथिक डॉक्टर या आयुष डॉक्टर की बताई दवाई लें.
12. शुरुआती चेतावनी के लक्षणों पर ध्यान दें जैसे कि तेज बुखार, सांस लेने में दिक्कत और ऑक्सीजन का स्तर 95 फीसदी से नीचे जाना, बिना कारण सीने में दर्द, कमजोरी आदि.
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कम्युनिटी लेवल पर ये करें
1. कोरोना से ठीक हो चुके लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ अपने सकारात्मक अनुभव साझा करें. आप सोशल मीडिया, समाज के नेता, ओपिनियन लीडर या धर्म गुरुओं के जरिए भी जागरूकता फैला सकते हैं और इस बारे में फैलने वाले भ्रम आदि को दूर कर सकते हैं.
2. आप इनकी मदद ले सकते हैं- कम्युनिटी बेस्ड सेल्फ हेल्प ग्रुप, सिविल सोसाइटी ऑर्गेनाइजेशन और ऐसे पेशेवर लोग जो रिकवरी और रिहैबिलिटेशन प्रोसेस पर काम करते हैं (मेडिकल, सोशल, ऑक्युपेशनल, लाइवलीहुड)
3. आप सहकर्मियों से, कम्युनिटी हेल्थ वर्कर से , काउंसलर से साइको-सोशल सपोर्ट ले सकते हैं. अगर जरूरत हो तो मेंटल हेल्थ सपोर्ट सर्विस लें.
4. योगा और मेडिटेशन आदि के ग्रुप सेशन में हिस्सा लें. लेकिन सभी तरह के एहतियात ले और फिजिकल डिस्टेंस बनाए रखें.
अस्पताल/हेल्थकेयर फैसिलिटी में ये करें
1. अस्पताल से डिस्चार्ज होने के 7 दिन के भीतर या तो शारीरिक रूप से या टेलीफोन के जरिए एक फॉलो-अप विजिट करें. अच्छा होगा कि उसी अस्पताल में यह फॉलोअप विजिट हो जहां पर मरीज का ट्रीटमेंट हुआ.
2. इसके बाद का ट्रीटमेंट और फॉलो अप विजिट्स पास के किसी अच्छे एलोपैथिक डॉक्टर या आयुष प्रैक्टिशनर या दवा के अन्य सिस्टम की मेडिकल फैसिलिटी में कर सकते हैं. पॉली थेरेपी से बचें क्योंकि अनजान दवाई आपस मे मिल सकती हैं और विपरीत परिणाम हो सकते हैं.
3. ऐसे मरीज जो होम आइसोलेशन में रहे हैं, अगर उनको लगातार लक्षण बने हुए हैं तो वे पास के अस्पताल में जाएंगे.
4. जो केस गंभीर हैं, क्रिटिकल केयर सपोर्ट की जरूरत है उनका सख्त फॉलो अप होना चाहिए.
इम्युनिटी बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक दवाएं
मंत्रालय ने इम्युनिटी बढ़ाने वाली कुछ आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में भी बताया है. साथ ही च्यवनप्राश के सेवन का भी सुझाव दिया है. इन्हें कैसे लिया जाना है, इसकी डिटेल इस तरह है...