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Heatwave: गेहूं के बाद भीषण गर्मी से झुलस रही हैं मूंग और उड़द की फसलें, क्या चावल पर भी होगा असर?

पहले गर्मी के चलते गेहूं की अच्छी खासी पैदावार पर असर हुआ. अब गर्म हवाओं (हीटवेव) ने गर्मियों में उगाई जाने वाली जायद की फसलों को भी झुलसा दिया है.

पहले गर्मी के चलते गेहूं की अच्छी खासी पैदावार पर असर हुआ. अब गर्म हवाओं (हीटवेव) ने गर्मियों में उगाई जाने वाली जायद की फसलों को भी झुलसा दिया है.

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Sushil Tripathi
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Heatwave: गेहूं के बाद भीषण गर्मी से झुलस रही हैं मूंग और उड़द की फसलें, क्या चावल पर भी होगा असर?

समय के पहले गर्मी आ जाने और बाद में गर्म हवाओं (File) के चलते किसान परेशान हैं.

Heatwave Impact on Summer Crops: इस साल समय के पहले गर्मी आ जाने और बाद में गर्म हवाओं के चलते किसानों में मासूसी है. पहले गर्मी के चलते गेहूं की अच्छी खासी पैदावार पर असर हुआ. अब गर्म हवाओं (हीटवेव) ने गर्मियों में उगाई जाने वाली जायद की फसलों को भी झुलसा दिया है. वहीं इस साजन में होने वाली सब्जियों पर भी गर्मी का असर पड़ रहा है. हालांकि एक्सपर्ट का कहना है कि इस गर्मी से आगे खरीफ की फसलों के ऊपर ज्यादा निगेटिव असर नहीं पड़ेगा. आगे बेहतर मॉनसून का अनुमान है, जो चावल की खेती के लिए पॉजिटिव फैक्टर है.

किसानों की एक्स्ट्रा इनकम पर गर्मी की मार

ज्यादा गर्मी के चलते इस साल जायद की फसलों को नुकसान हो रहा है. जायद फसलों की बुआई मार्च के पहले सप्ताह में शुरू होती है और मई-जून तक इन फसलों की कटाई हो जाती है. इनमें दलहन, तिलहन और पोषण अनाज की बुआई की जाती है. जायद की फसलों को किसानों की अतिरिक्त आमदनी का जरिया माना जाता है, क्योंकि इसे रबी और खरीफ के बीच वाले सीजन में लगाया जाता है. चहीं इस दौरान गर्मियों में होने वाली सब्जियों की खेती भी होती है. लेकिन गर्म हवाओं ने किसानों को मायूस किया है.

मूंग, उड़द और सब्जियों को नुकसान

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ओरिगो ई-मंडी के असिस्टेंट जनरल मैनेजर (कमोडिटी रिसर्च) तरुण सत्संगी के मुताबिक ग्रीष्मकालीन जायद फसलों के लिए मौजूदा तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा है जिससे जायद फसलों को काफी नुकसान पहुंच सकता है. उनका कहना है कि इस दौरान बोई जाने वाली ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द की फसल पर सबसे नकारात्मक असर पड़ेगा, क्योंकि तापमान ज्यादा होने से इन फसलों के परागण पर असर पड़ेगा और इन दालों की फलियां नहीं बन पाएंगी. इसके अलावा सब्जियों के ऊपर भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है. जायद फसलों के लिए अधिकतम तापमान 35 डिग्री तक सही रहता है.

खरीफ की फसल पर असर नहीं!

तरुण सत्संगी का कहना है कि मौजूदा समय में चल रही लू (हीटवेव) की वजह से खरीफ फसलों के ऊपर ज्यादा नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा. बल्कि उनका कहना है कि अगर इस समय तापमान ज्यादा रहता है तो आने वाले समय में अच्छी बारिश की संभावना बनती है जो कि खरीफ फसलों के लिए वरदान साबित होगी. दरअसल, मौसम विभाग ने इस साल सामान्य मॉनसून रहने का अनुमान जताया है.

गेहूं के फसल पर पड़ा था असर

इस साल समय से पहले गर्मी बढ़ने के चलते गेहूं के फसल पर निगेटिव असर हुआ. मार्च महीने में ही गर्मी बढ़ने से फसल समय से पहले पकने लगी. इस साल मार्च में गेहूं की बाली बनने के दौरान बढ़ी गर्मी ने उपज को बुरी तरह प्रभावित किया. यूपी, हरियाणा और पंजाब में इसका ज्यादा असर देखने को मिला है.

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