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ला निना के कमजोर होने के चलते इस साल गर्मियों में हर साल की तुलना में लोगों को अधिक तपना पड़ेगा.
Summer 2021: ला निना के कमजोर होने के चलते इस साल गर्मियों में हर साल की तुलना में लोगों को अधिक तपना पड़ेगा. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक उत्तर भारत में इस साल अधिक गर्मी पड़ेगी और सबसे अधिक राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के लोगों को इसका सामना करना पड़ेगा. इन राज्यों के अलावा ओडिशा और छत्तीसगढ़ के लोगों को भी इस बार अधिक तपती गर्मी का सामना करना पड़ सकता है. आईएमडी के मुताबिक दिल्ली, ओडिशा, पश्चिमी यूपी और पश्चिमी राजस्थान में इस बार अप्रैल से जून के दौरान तापमान पिछले औसत के मुकाबले 0.30-0.68 डिग्री सेल्सियस तक अधिक रह सकता है. देश के अन्य हिस्सों में हर साल की तरह इस बार भी गर्मियों में तापमान ऊंचा रहने के आासार हैं.
ला निना कंडीशंस में पैसेफिक ओशन पर तापमान में कमी आती है. हालांकि इस बार यह कमजोर पड़ रहा है और यह स्थिति जून तक बनी रहने वाली है. इसके चलते हीट वेव की परिस्थितियां बन रही हैं. हालांकि वैश्विक स्तर पर बात करें तो नासा के मुताबिक यह साल छह सबसे गर्म वर्षों में एक रहेगा, लेकिन पिछले साल 2020 की तुलना में यह ठंडा रहेगा.
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दक्षिणी राज्यों में आंधी-तूफान आने का अनुमान
पिछले हफ्ते उत्तर व उत्तर पश्चिमी भारत जैसे कि राजस्थान, मुंबई, आंध्र प्रदेश के तटीय इलाके और ओडिशा में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के स्तर को पार कर गया. आईएमडी के अनुमान के मुताबिक तेलंगाना, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा समेत 10 राज्यों में नॉर्मल हीट वेव्स रह सकती हैं. अप्रैल से जून के दरम्यान आंधी-तूफान आने के आसार हैं, जिसके चलते अधिकतर दक्षिणी राज्यों में तामपान सामान्य से कुछ अधिक रह सकता है. देश के अन्य हिस्सों में रात का तापमान सामान्य रहने का अनुमान है.
2020 की तुलना में ठंडा रहेगा यह साल
नासा के मुताबिक मानवीय गतिविधियों के चलते 19वीं सदी के उत्तरार्द्ध से लेकर अब तक धरती के औसत तापमान में 1.2 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो चुकी है. इससे पर्यावरण में असंतुलन की स्थिति बन रही है, जिसके चलते आइस शीट्स व समुद्री बर्फ तेजी से पिघल रही हैं. इससे समुद्र का स्तर बढ़ रहा है. नासा का मानना है कि इससे हीट वेव्स की समस्या लंबे समय तक बनी रहने वाली है. इस साल की शुरुआत में आई नासा की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2020 के साल को गर्मी के लिहाज से 2016 के बराबर रखा गया था. हालांकि अमेरिका के नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के मुताबिक 2020 का साल दूसरा सबसे गर्म वर्ष रहा. पहले स्थान पर 2016 है. नासा का मानना है कि 2021 का साल 2020 की तुलना में ठंडा रहेगा. लेकिन जब से सालाना रिकॉर्ड रखा जा रहा है, तब से अब तक के छह सबसे गर्म वर्षों में 2021 भी शामिल रहेगा.
(Story: Bulbul Dhawan)
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