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High Court on Manish Sisodia: आप नेता ने अपनी पत्नी की बीमारी के कारण अब रद्द की जा चुकी आबकारी नीति में अंतरिम जमानत याचिका दायर की थी. (Express File Photo)
High Court allows Manish Sisodia to meet his wife: दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को हिरासत में रहते हुए कल (शनिवार) अपनी पत्नी से मिलने की इजाजत दे दी. न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की एकल पीठ ने कहा कि सिसोदिया किसी भी तरह से मीडिया से बातचीत नहीं करेंगे और न ही अपने परिवार के सदस्यों के अलावा किसी से मिलेंगे. उनके पास फोन या इंटरनेट तक कोई पहुंच नहीं होगी. इससे पहले आप नेता ने अपनी पत्नी की बीमारी के कारण अब रद्द की जा चुकी आबकारी नीति में अंतरिम जमानत याचिका दायर की थी.
कोर्ट ने क्या कहा?
अदालत ने कहा है कि याचिकाकर्ता को कल सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक पत्नी से मिलने के लिए उनके घर ले जाया जाए. ईडी द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नियमित जमानत और अंतरिम जमानत के लिए सिसोदिया की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे उच्च न्यायालय ने अपने आदेश सुरक्षित रख लिए. वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए सिसोदिया ने मल्टीपल स्केलेरोसिस से पीड़ित अपनी पत्नी के बिगड़ते स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत मांगी है. हाईकोर्ट ने ईडी को सिसोदिया की पत्नी के मेडिकल दस्तावेजों को सत्यापित करने का भी निर्देश दिया और शनिवार शाम तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. सीबीआई के कथित भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत याचिका को लंबित रखा है.
जांच एजेंसी कर रही जमानत का विरोध
वहीं, ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने तर्क दिया कि पहले भी इसी आधार पर सिसोदिया द्वारा इसी तरह की अंतरिम जमानत याचिका दायर की गई थी. हालांकि, बाद में इसे वापस ले लिया गया था. उन्होंने कहा कि सिसोदिया की पत्नी पिछले 23 साल से बीमारी से पीड़ित थीं और आप नेता के पास 18 मंत्रालय थे, वह बहुत व्यस्त मंत्री थे और उनके पास घर के लिए समय नहीं था. दिन के दौरान, हाईकोर्ट ने व्यवसायी विजय नायर, आम आदमी पार्टी के संचार प्रभारी और कथित घोटाले से उत्पन्न मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक सह-आरोपी की जमानत याचिका पर दलीलें सुनीं और आदेश सुरक्षित रखा. विजय नायर का प्रतिनिधित्व कर रही वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन ने तर्क दिया कि ईडी ने चार तारीखें लेकर इस जमानत की सुनवाई को मिनी ट्रायल में बदल दिया है.