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हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट के आज के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती मिली है.
Hijab Row: हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. इस याचिका में आज के कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें कोर्ट ने राज्य के स्कूल-कॉलेजों में Hijab पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं को खारिज कर दिया था. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हिजाब इस्लाम धर्म की प्रैक्टिसेज का अनिवार्य हिस्सा नहीं है. वहीं कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए ये भी कहा कि स्टूडेंट्स को स्कूल यूनिफॉर्म का विरोध नहीं करना चाहिए. हाईकोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रह्ललाद जोशी ने सभी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की. जोशी ने कहा कि छात्रों का मुख्य काम पढ़ाई करना है और इसके अलावा बाकी सब मुद्दों को एक तरफ रखकर उन्हें पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए.
Hijab row: Plea moved in Supreme Court challenging Karnataka HC order
— ANI Digital (@ani_digital) March 15, 2022
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बंगलूरु में 21 मार्च तक धारा 144 लागू
आज कर्नाटक हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर फैसला सुनाए जाने से पहले बंगलूरु समेत कर्नाटक के कुछ हिस्सों में धारा 144 लगाई गई थी. बंगलूरु में पुलिस कमिश्नर कमल पंत ने 15 मार्च से 21 मार्च तक सार्वजनिक स्थान पर लोगों के एक जगह पर जुटने और किसी भी प्रकार के जश्न पर रोक का आदेश जारी किया था. वहीं यह मामला उडुपी में सबसे पहले उठा था, वहां और दक्षिण कन्नड़ में जिला प्रशासन ने सभी स्कूल और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया था. उडुपी में एक कॉलेज की छात्रा ने कक्षा के भीतर हिजाब पहनने की इजाजत मांगी थी जिसके बाद यह मामला आगे बढ़ा.
विवाद पर कर्नाटक सरकार और विपक्ष आमने-सामने
ऐसे शुरू हुआ था विवाद
यह विवाद जनवरी में शुरू हुआ था. कर्नाटक के उडूपी में एक सरकारी कॉलेज में छह छात्राओं को हिजाब पहनने के चलते क्लासरूम में बैठने से रोक दिया गया था. कॉलेज ने कहा कि नई ड्रेस नीति के तहत हिजाब को पहनने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. इसे लेकर छात्राओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर किया कि हिजाब पहनने से रोकना संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत दिए गए मौलिक अधिकारों का हनन है. इसे लेकर हिजाब बनाम भगवा भी शुरू हो गया. छात्राओं के हिजाब पहनने के जवाब में कुछ छात्रों ने कॉलेज कैंपस में भगवा शॉल पहनना शुरू कर दिया. इस मामले को लेकर उडूपी कॉलेज से शुरू हुआ विवाद धीरे-धीरे राज्य के कुछ अन्य शैक्षणिक संस्थानों तक भी फैल गया.