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हिमालयी राज्यों में 8 से अधिक तीव्रता के भूकंप का अंदेशा, दिल्ली तक महसूस होंगे झटके: स्टडी

भारत में चंडीगढ़ और देहरादून और नेपाल में काठमांडू हिमालयन फ्रंटल थ्रस्ट के समीप स्थित हैं.

भारत में चंडीगढ़ और देहरादून और नेपाल में काठमांडू हिमालयन फ्रंटल थ्रस्ट के समीप स्थित हैं.

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PTI
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Himalayas poised for a series of big earthquakes delhi may affected study reveals

पिछले कुछ महीने में कई बार भूकंप आ चुके हैं.

Earthquake: पूरे हिमालयी क्षेत्र में बहुत बड़े भूकंप की संभावना है. एक अनुमान के मुताबिक यह भूकंप 100 साल के भीतर ही आ सकता है और इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 8 या 8 से अधिक हो सकती है. यह अंदेशा भूगर्भशास्त्रियों, इतिहासकारों और भूभौतिकशास्त्रियों की एक स्टडी में जताया गया है. शोधकर्ताओं का मानना है कि इस हादसे में ऑर्क स्थित कई घनी मानव बस्तियों पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा और बहुत लोगों की जान जा सकती है. रिसर्चर्स का मानना है कि हिमालयी क्षेत्रों में आने वाले भूकंप की तुलना पिछली शताब्दी में Aleutian subduction zone में आए भूकंप से की जा सकती है जो अलास्का की खाड़ी से लेकर पूर्व में रूस के कमचट्का तक फैला है.

दिल्ली तक पहुंच सकता है भूकंप का असर

भारत में चंडीगढ़ और देहरादून और नेपाल में काठमांडू हिमालयन फ्रंटल थ्रस्ट के समीप स्थित हैं. वेस्नौस्की का मानना है कि हिमालयन क्षेत्र में भविष्य में आने वाले 8 से अधिक तीव्रता वाले भूकंप का असर दक्षिण दिशा में भारत की राजधानी दिल्ली तक पहुंच सकता है जो कि 1.1 करोड़ की अधिक जनसंख्या के साथ दुनिया के सबसे बड़े शहरों में से एक है.

पिछले कुछ महीने में आ चुके हैं कई भूकंप

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उत्तर भारत में पिछले कुछ महीने में कम तीव्रता के कई भूकंप आए जिससे इस क्षेत्र में बड़े भूकंप की संभावना को लेकर अध्ययन हुआ. वेस्नौस्की का कहना है कि हालांकि अभी वैज्ञानिक कम तीव्रता वाले भूकंप और भविष्य में अधिक तीव्रता के भूकंप की संभावना के बीच सिस्टमैटिक रिलेशनसिप को लेकर अध्ययन कर रहे हैं.

अगले 100 साल के भीतर इसकी आशंका

यह रिव्यू अगस्त के सीस्मोलॉजिकल रिसर्च लेटर्स जर्नल में छपा है और इसके लिए भूगर्भशास्त्र के मूलभूत सिद्धांतों का प्रयोग किया गया. जैसे कि स्ट्रैटिग्राफिक एनालिसिस, स्ट्रक्चरल एनालिसिस, सॉयलिसिस और रेडियोकॉर्बन एनालिसिस. इन सिद्धातों के प्रयोग से प्रागैतिहासिक काल में आए भूकंपों के समय और तीव्रता से लेकर भविष्य में इस तरह की घटनाओं के होने की संभावना का अध्ययन किया गया.

एक रिसर्चर स्टीवन जी वेस्नौस्की के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश की पूर्वी सीमा से लेकर पश्चिम में पूर्वी पाकिस्तान तक के हिमालयन ऑर्क में पहले भी बड़े भूकंप आते रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में भूकंप आते रहेंगे और इस पर कोई आश्चर्य नहीं कि एक बहुत बड़ा भूकंप हम सभी की उम्र में ही आ जाए. हालांकि, अध्ययन के मुताबिक ऐसा बड़ा भूकंप आने की संभावना 100 साल के भीतर है जो किसी भी सामान्य इंसान की उम्र सीमा से अधिक है. वेस्नौस्की अमेरिकी का नेवादा यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर नियोटेक्टोमिक स्टडीज के डायरेक्टर और जियोलॉजी व सीस्मोलॉजी के प्रोफेसर हैं.

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भारतीय सीस्मोलॉजिस्ट ने भी जताई संभावना

सीस्मोलॉजिस्ट सुप्रियो मित्रा का कहना है कि अध्ययन के मुताबिक रिक्टर पैमाने पर 8 या उससे अधिक की तीव्रता का भूकंप भविष्य में आने की संभावना है लेकिन यह कोई नहीं कह सकता है कि यह कब तक होगा. मित्रा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER),कोलकाता में डिपॉर्टमेंट ऑफ अर्थ साइंसेज में प्रोफेसर हैं. हालांकि वह इस अध्ययन में शामिल नहीं हुई थीं लेकिन उनका कहना है कि इसमें हिमालयी क्षेत्र में आए अब तक भूकंप का अध्ययन कर भविष्य में इस प्रकार की होने वाली घटनाओं की आशंका व्यक्त की गई है.

सैटेलाइट से लोकेशन मिलेगा लेकिन तीव्रता और समय नहीं

जियॉलजी के माध्यम से पहले आए भूकंप के समय और उसकी तीव्रता के बारे में जानकारी मिल सकती है. इसके तहत हिमालन फ्रंटन थ्रस्ट के किनारे टूटे हुए तलछट (सेडिमेंट्स) और भूकंप के कारण बदले आकार से भूकंप की तीव्रता और उनके समय का पता लगाया जा सकता है. वेस्नौस्की के मुताबिक सैटेलाइट्स सक्रिय भूकंप की लोकेशन बताने में मदद कर सकता है लेकिन उन फॉल्ट्स पर पिछली बार आने वाले भूकंप के समय और उसकी तीव्रता के बारे में जानकारी देने में असमर्थ है.