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What is Bhang: भांग को कैनेबिस की पत्तियों और बीजों को पीसकर बनाया जाता है. ये सरकारी भांग की दुकानों पर मिलता है. (Source: Thinkstock Images)
Bhang Drink on Holi 2024: महाशिवरात्रि बीत चुकी है और होली का त्योहार बस आने वाला है. इन दोनों त्योहारों पर एक चीज कॉमन है, वह है भांग का सेवन. आमतौर पर होली के अवसर पर बहुत से लोग भांग का सेवन करते हें. यह देश में लंबे समय से चली आ रही परंपरा है. कुछ लागों को भांग की मस्ती पसंद आती है. हालांकि कभी कभी यह मस्ती भारी पड़ सकती है. आखिर होली पर भांग क्यों पी जाती है, इसके पीछे क्या मान्यता है, भांग होती क्या है और इसके क्या नुकसान है. इससे नशा होता है तो भारत में इसे लेकर क्या कानून है. यहां सारी जानकारी दी गई है.
क्या होती है भांग (What is Bhang)
अंग्रेजी में भांग के पौधे को कैनेबिस (Cannabis indica) कहते हैं. भांग को कैनेबिस की पत्तियों और बीजों को पीसकर बनाया जाता है. ये सरकारी भांग की दुकानों पर मिलता है. इन दुकानों को भंग बेचने के लिए लाइसेंस मिलता है. यूपी सहित कई राज्यों में लाइसेंस वाली भंग की दुकानें हैं. हालांकि कुछ राज्यों में यह बैन भी है. के ठेके होते हैं, टेंडर होते हैं, पक्का लाइसेंस होता है. गांजा और भांगमें फर्क यह है कि गांजा कैनेबिस के फूलों से बनता है.
कैसे बनाई जाती है भांग? (Bhang Recipe)
होली में भांग की पत्तियों को पीसकर इसका एक पेस्ट बनाया जाता है. भांग का पेय तैयार करने के लिए इस पेस्ट में बादाम, पिस्ता, चीनी, दूध व कुछ मसाले व हर्ब मिलाया जाता है. इसके बाद जो स्वादिष्ट ड्रिंक तैयार होती है, जिसे ‘भांग की ठंडाई’ या ‘भांग की लस्सी’ के रूप में जाना जाता है. वर्तमान समय में भांग का विशेष रूप से उपयोग धार्मिक पर्वों जैसे, शिवरात्रि और होली पर बड़े स्तर पर किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि भांग में कई औषधीय गुण होते हैं. ये मन और शरीर को शांत रखने का काम करते हैं. कुछ लोग इसे पाचन के लिए भी बेहतर मानते हैं.
होली पर भांग के पीछे परंपरा
भांग को भगवान शिव का सबसे पसंदीदा पेय माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव को भांग बहुत पंसद आता है. हिन्दू मान्याताओं के अनुसार, भांग भागवान भोलेनाथ और भगवान विष्णु की दोस्ती का प्रतीक भी है. ऐसा माना जाता है कि हिरण्यकश्यप को मारने के बाद भगवान विष्णु का गुस्सा शांत नहीं हुआ था. उन्हें शांत करने के लिए शिव जी ने शरभ का अवतार लिया था. इसके बाद विष्णु जी ने शिव जी को अपना छाल अर्पित कर दिया. इसी खुशी को मनाने के लिए शिवगणों ने उत्सव मनाया, जिसमें भांग को शामिल किया गया. यही वजह है कि भांग को होली पर पिया जाता है.
भारत में क्या है इसे लेकर कानून
भारत ने 1985 में नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट लागू किया, जिसमें भांग के फल और फूल के उपयोग को प्रभावी ढंग से बैन कर दिया गया, लेकिन उनकी पत्तियों को छोड़कर. यह नैचुरली उगने वाला पौधा है और भारत में भारी मात्रा में भांग का इस्तेमाल भी किया जाता है, इसलिए भारत सरकार ने इसकी पत्तियों को कानून से बाहर रखा. लेकिन उसी भांग के पौधे के अन्य हिस्सों का सेवन करने पर जुर्माना और जेल हो सकती है. वहीं इस कानून से गांजा और चरस को हार्ड ड्रग माना जाने लगा.
भांग से क्या हो सकता है नुकसान
भांग पीने से कुछ देर के लिए दिमाग की सही या गलत सोचने की क्षमता कम हो सकती हैऋ यह दिमांग को कुछ देरी के लिए इनएक्टिव भी कर देता है. इससे सुस्ती और नींद आती हैऋ ज्यादा सेवन पर डिप्रेशन भी हो सकता है. भूख और ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ सकते हैं. हार्ट संबंधी दिक्कतें भी हो सकती हैं. भांग खाने के बाद सिरदर्द, घबराहट, जी मचलना और ऊल्टी आना तो आम है.