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Amit Shah said he wanted to ask the minorities, especially Muslims, to look into the CAA, which was now available on the government website.
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Amit Shah on NRC, NPR and CAA: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और NRC पर देशभर में मचे बवाल के बीच मंगलवार को नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) की बात ने एक और राजनीतिक बवाल खड़ा कर दिया. इससे पहले कि मामला तूल पकड़े खुद गृह मंत्री अमित शाह ने देर शाम एक इंटरव्यू में यह साफ कर दिया कि NRC और NPR के बीच कोई संबंध नहीं है. इसके साथ ही शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को दोहराया कि एनआरसी पर अभी तक मंत्रिमंडल या संसद में कोई चर्चा नहीं हुई है. CAA पर अमित शाह ने एक बार फिर दोहराया कि यह नागरिकता देने वाला कानून है. इससे किसी की नागरिकता नहीं छीनी जाएगी.
एएनआई को दिए इंटरव्यू में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पूरे भारत में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) पर बहस करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि अभी इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है. पीएम मोदी सही कह रहे हैं, इस पर अभी तक मंत्रिमंडल या संसद में कोई चर्चा नहीं हुई है. बता दें, पिछले दिनों दिल्ली विधानसभा का चुनावी शंखनाद करते हुए रामलीला मैदान की रैली में पीएम मोदी ने यह बात कही थी.
अमित शाह ने केरल और पश्चिम बंगाल में एनपीआर के लिए मना करने पर कहा, ''मैं विनम्रतापूर्वक दोनों मुख्यमंत्रियों से अपील करता हूं कि ऐसा कोई कदम न उठाएं और अपने फैसलों की समीक्षा करें। सिर्फ अपनी राजनीति के लिए गरीबों को विकास के कार्यक्रमों से दूर न रखें.''
असदुद्दीन ओवैसी द्वारा नागरिकता संशोधन कानून की आलोचना पर अमित शाह ने कहा, ''अगर हम कहें कि सूर्य पूर्व से उगता है तो ओवैसी जी कहेंगे कि सूर्य पश्चिम से उगता है। फिर भी मैं उन्हें फिर से विश्वास दिलाता हूं कि नागरिकता संशोधन कानून का NRC से कोई लेना-देना नहीं है.''
अल्पसंख्यकों को डराकर सुविधाओं से दूर रखा
शाह ने कहा कि एनपीआर में घर के साइज, पशुओं की जानकारी जैसी कुछ नई जानकारी मांगी गई है. जिसके आधार पर राष्ट्र की सारी योजनाओं का खाका बनता है. उन्होंने कहा कि ऐसे सर्वे पहले न हुए होते तो हम गरीबों के घर गैस कनेक्शन न पहुंचा पाते. जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वो गरीबों का नुकसान कर रहे हैं. इन लोगों ने इतने सालों तक अल्पसंख्यकों को डरा-डरा कर सभी को सुविधाओं से दूर रखा था.
शाह ने कहा, ''मोदी जी की सरकार आने के बाद अल्पसंख्यकों को घर, गैस, शौचालय और हेल्थ कार्ड मिला है. ये अभी भी उनको ये सारी सुविधाएं न मिलें इसीलिए कुछ विपक्ष की पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं.''
अमित शाह ने कहा कि जनगणना के जुड़े जब लोग आएंगे तो उन्हें आपको सिर्फ जानकारी देनी होगी. कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी. जो जानकारी आप देंगे, उसका सरकार रजिस्टर बनाएगी. जो जानकारी मिलेगी, उससे देश के विकास का खाका तैयार होगा.
अफवाहें फैलाई जा रही हैं
NPR को लेकर कहीं पर भी देश के किसी भी नागरिक को मन में ये संका लाने का कोई कारण नहीं है और खासकर अल्पसंख्यकों के भाई-बहनों को कि इसका उपयोग NRC बनाने के लिए होगा, इसका कोई लेना-देना नहीं है. कोरी अफवाहें फैलाई जा रही हैं.
हर दस साल में देश की जनगणना का संवैधानिक प्रावधान है. 2011 में पिछली जनगणना हुई थी, इसलिए अगली 2021 में होनी है. जनगणना की प्रक्रिया अप्रैल 2020 में शुरू होगी. तब मकानों की मैपिंग शुरु होगी. पूरी जनगणना और एनपीआर 2021 में होगा.
उन्होंने कहा, ''यह संभव है कि NPR में कुछ नाम छूट जाएं, फिर भी उनकी नागरिकता रद्द नहीं की जाएगी क्योंकि यह NRC की प्रक्रिया नहीं है. NRC एक अलग प्रक्रिया है. मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि एनपीआर की वजह से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी.''
नागरिकता संशोधन कानून पर सरकार की तरफ से संवाद में कमी पर गृह मंत्री ने कहा, ''हमारी तरफ से कुछ तो कमी रही होगी, मुझे यह स्वीकार करने में कोई समस्या नहीं है. मगर संसद में मेरा भाषण देख लीजिए, उसमें मैंने सब स्पष्ट कर दिया था कि नागरिकता जाने का कोई सवाल नहीं है.''