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सुरक्षा ग्रुप को कर्ज में दबी जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (JIL) को टेकओवर करने के लिए फाइनेंशियल क्रेडिटर्स और घर खरीदारों की मंजूरी मिल गई है.
मुंबई में आधारित सुरक्षा ग्रुप को बुधवार को कर्ज में दबी जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (JIL) को टेकओवर करने के लिए फाइनेंशियल क्रेडिटर्स और घर खरीदारों की मंजूरी मिल गई है. जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण के लिए सरकारी कंपनी NBCC और मुंबई की निजी रियल एस्टेट डेवलपर सुरक्षा ग्रुप के बीच मुकाबला था. NBCC और सुरक्षा ग्रुप द्वारा सबमिट टेकओवर के प्रस्तावों पर 10 दिन लंबी वोटिंग प्रक्रिया बुधवार दोपहर को खत्म हुई. इसमें निजी कंपनी सुरक्षा ग्रुप ने सरकारी कंपनी NBCC को फोटो फिनिश में मात दे दी. सुरक्षा ग्रुप को 98.66 फीसदी वोट मिले.
यह घर खरीदारों के लिए राहत की खबर है. इससे उन्हें कई सालों की देरी के बाद अपने फ्लैट्स का पजेशन मिलने में मदद होगी.
JIL के अंतरिम रेजोल्यूशन प्रोफेशनल (IRP) अनुज जैन ने कहा कि यह JIL के लिए खरीदार खोजने की बोली लगाने की प्रक्रिया का चौथा दौर है. JIL अगस्त 2017 में कॉरपोरेट इंसोलवेंसी रेजोल्यूशन प्रोसेस (CIRP) में चली गई थी. उन्होंने कहा कि सुरक्षा ग्रुप ने बोली को 98.66 फीसदी वोटों के साथ जीत लिया है. उन्होंने आगे कहा कि उसे NBCC से 0.12 फीसदी ज्यादा मत मिले थे.
12 बैंकों और 20 हजार से ज्यादा घर खरीदार वोटिंग में शामिल
इस सफल रेजोल्यूशन से रियल्टी डेवलपर द्वारा नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लॉन्च किए गए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में 20 हजार से ज्यादा खरीदारों को बड़ी राहत मिलेगी. कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) में 12 बैंकों और 20 हजार से ज्यादा घर खरीदारों के पास वोटिंग के अधिकार हैं. घर खरीदार और क्रेडिटर्स के पास क्रमश: 56.63 फीसदी और 43.25 फीसदी वोटिंग राइट्स हैं. फिक्स्ड डिपॉजिट होल्डर्स के पास 0.13 फीसदी वोटिंग राइट्स हैं.
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कर्जदाताओं ने 9,783 करोड़ रुपये का दावा किया है. बोली की मंजूरी के लिए कम से कम 66 फीसदी वोटों की जरूरत है. CoC की मंजूरी के बाद, सुरक्षा ग्रुप के ऑफर को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) से क्लियर होना होगा. सुरक्षा ग्रुप ने बैंकर्स को 2,500 एकड़ से ज्यादा की जमीन और नॉन-कंवर्टिबल डिबेंचर्स के जारी करने के माध्यम से करीब 1,300 करोड़ रुपये ऑफर किए थे. 10 जून को, CoC ने इंसोल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत सुरक्षा रियल्टी लिमिटेड के साथ लक्षदीप इन्वेस्टमेंट्स एंड फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड (सुरक्षा ग्रुप) के फाइनल रेजोल्यूशन प्लान्स को वोट पर जालने का फैसला किया था.