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2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर (5 लाख करोड़ डॉलर) की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य काफी अहम है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'न्यू इंडिया' के जिस ड्रीम लेकर आगे बढ़ रहे हैं, उसका एक मजबूत ताना-बाना इस बजट में बखूबी है, ऐसा कहा जा सकता है. 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर (5 लाख करोड़ डॉलर) की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य इस मायने में काफी अहम है. एकबारगी यह बजट भले ही आम टैक्सपेयर्स यानी मिडिल क्लास को निराश करता हो, अमीरों से ज्यादा टैक्स वसूलता हो लेकिन जिस तरह बिजली, पानी, घर, स्वच्छता और उद्यमशीलता को पुख्ता करने का खाका खींचता है, उससे साफ है कि पीएम मोदी अंत्योदय यानी आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को सक्षम करना चाहते हैं.
अर्थव्यवस्था के नजरिए से देखा जाए तो देश के हर कोने तक जब बिजली, पानी, सड़क, घर, स्वच्छता जैसी बुनियादी चीजें पहुंच जाएंगी तो कारोबार की राह अपने आप आसान हो जाएगी. पीएम मोदी के लिए इन बुनियादी बातों को पूरा करना इसलिए भी जरूरी है कि क्योंकि जिस प्रचंड जीत के साथ सरकार की वापसी हुई है, कहीं न कहीं उन पर जन-आकांक्षाओं को पूरा करने का दबाव भी उतना ही प्रचंड है.
बतौर देश की पहली पूर्णकालीक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐसा बजट एलान नहीं किया, जिसके बारे में यह कहा जाए कि उन्होंने लीक से हटकर काम किया. यह कहा जा सकता है कि वित्त मंत्री के सामने धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की चुनौती ने उनके हाथ बांध दिए. सरकार का अमीरों से ज्यादा कर वसूलना, सोना, पेट्रोल-डीजल जैसे कई उत्पादों पर उत्पाद व सीमा शुल्क में बढ़ोतरी और राजकोषीय घाटे को जीडीपी का 3.3 फीसदी तक सीमित करने का लक्ष्य यह दर्शाता है कि सरकार खर्चे बढ़ाने के मूड में नहीं है, बल्कि कमाई में इजाफा और निवेश को बढ़ावा देना ज्यादा जरूरी है.
Budget 2019: मोदी सरकार के पहले बजट में किसको क्या मिला?
आइए अब बात करते हैं प्रधानमंत्री मोदी की उन 6 योजनाओं की, जिन पर समाज के आम तबके को सक्षम बनाने का दारोमदार है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह बजट इन महत्वाकांक्षी योजनाओं को किस दिशा में लेकर जाएगा.
प्रधानमंत्री आवास योजना
प्रधानमंत्री आवास योजना का मकसद हर जरूरतमंद चाहे व शहरी हो या ग्रामीण उसको उसका मकान उपलब्ध करना है. बजट में वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में इसे आगे बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्धता दिखाई है.
वितत मंत्री ने अपने बजट भाषण में बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 2022 तक सभी के लिए आवास के उद्देश्य को हासिल करना लक्ष्य है. बीते पांच साल में 1.54 करोड़ कुल ग्रामीण घर बनाए गए हैं. 2019-20 से 2021-22 तक योजना के दूसरे चरण में 1.95 करोड़ आवास मुहैया कराने का प्रस्ताव है. इन आवासों में शौचालय, बिजली और एलपीजी कनेक्शन जैसी सुविधाएं भी होंगी.
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 4.83 लाख करोड़ के निवेश से 81 लाख से अधिक आवासों के निर्माण को मंजूरी दी गई है. 47 लाख आवासों को निर्माण कार्य शुरू हो गया है. इनमें से 26 लाख से अधिक आवासों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. 24 लाख आवास इसमें से लाभार्थियों को दिए जा चुके हैं. इन आवासों के निर्माण के लिए नई तकनीक को अपनाया गया है. 13 लाख से अधिक आवास का निर्माण कराया जा चुका है. नई तकनीक से आवासों को बनाने के लिए दिनों की औसत संख्या 2015-16 में 314 दिन से घटाकर 2017-18 में 114 दिन कर दी गई है.
उज्ज्वला और सौभाग्य योजना
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि 2022 तक स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में सभी को स्वच्छ रसोई और बिजली उपलब्ध होगी. हर गांव के परिवार को रसोई गैस और बिजली कनेक्शन सुनिश्चित किया जाएगा. उज्ज्वला योजना के तहत 7 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन दिया जा चुका है. सौभाग्य योजना के तहत अब तक 100 फीसदी परिवारों को बिजली प्रदान की गई है.
स्वच्छ भारत अभियान
प्रधानमंत्री ने स्वच्छता को एक जन आंदोलन में तब्दील कर दिया. पीएम मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को गति देने की प्रतिबद्धता वित्त मंत्री के बजट भाषण में दिखाई दी. वित्त मंत्री ने कहा कि, 2 अक्तूबर 2019 तक भारत को खुल में शौच से मुक्त कराने का संकल्प लिया गया है. 2 अक्तूबर 2014 से अब तक 9.6 करोड़ शौचालयों का निर्माण कराया गया है. 5.6 लाख से अधिक गांवों को खुले में शौच से मुक्त बनाया गया है. 95 फीसदी से अधिक शहरों को भी खुले में शौच से मुक्त बनाया गया है.
1700 शहरों के 45000 से ज्यादा सरकारी और सामुदायिक शौचालय गूगल मैप पर अपलोड हुए हैं. यह भारत की 53 फीसदी से अधिक शहरी जनसंख्या को कवर करते हैं. प्रत्येक गांव में सतत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (वेस्ट मैनेजमेंट) चलाने के लिए योजना का विस्तार किया जाएगा.
स्टैंड-अप इंडिया योजना
मोदी सरकार ने समाज के कमजोर और वंचित तबके में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के मकसद से यह स्कीम शुरू की थी. बजट में वित्त मंत्री ने इस पर भी रूख साफ किया कि यह स्कीम जारी रहेगी. वित्त मंत्री ने स्टैंडअप इंडिया अभियान को 2025 तक जारी रखने की घोषणा की है. योजना से देश में महिलाओं और एससी तथा एसटी वर्ग में से हजारों उद्यमी उभरकर सामने आए हैं. इनमें से अधिकांश लोगों को कारोबार और उद्योग खड़ा करने के लिए स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत कैपिटल उपलब्ध कराया गया.
प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि अभी तक 2 करोड़ से अधिक भारतीय ग्रामीणों को डिजीटली रूप से साक्षर बनाया गया है. ग्रामीण और शहरों में भेद खत्म करने के लिए भारत नेट के तहत पंचायत और स्थानीय निकायों को इंटरनेट सुनिश्चित किया जा रहा है. पीपीपी मॉडल के तहत वैश्विक दायित्व निधि का भारत नेट को गति प्रदान करने में उपयोग किया जाएगा.
भारतनेट के तहत 30 मई 2019 तक 3,33,195 किलोमीटर आप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जा चुकी थी. इसके जरिये अब तक 1,28,118 ग्राम पंचायतों को जोड़ा जा चुका है.
'हर घर जल' यानी भारत में जल सुरक्षा
मोदी सरकार ने जल संकट के आसन्न खतरे को देखते हुए जल सुरक्षा यानी वाटर सिक्युरिटी को अपनी प्राथमिकता में लाने का काम किया है. बीते दिनों नीति आयोग की एक रिपोर्ट में जल संकट के खतरे को उजागर किया गया था. बजट में भी वित्त मंत्री ने जल सुरक्षा को लेकर गंभीर पहल की है.
बजट में वित्त मंत्री ने कहा कि नवगठित नया जल शक्ति मंत्रालय समग्र रूप से हमारे जल संसाधनों और जल आपूर्ति की देखरेख करेगा. 2024 तक सभी ग्रामीण परिवारों को हर घर जल के लक्ष्य को जल जीवन मिशन के तहत पूरा किया जाएगा. स्थानीय स्तर पर जल की मांग और आपूर्ति पर आधारित प्रबंधन पर जोर दिया जाएगा. जलशक्ति अभियान के लिए 256 जिलों के 1592 खंडों की पहचान की गई है.