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फेसलेस अपील: करदाताओं को होगी सहूलियत, मुकदमेबाजी में आएगी कमी; नई व्यवस्था से कैसे आएगा बदलाव?

ईमानदार करदाताओं का सम्मान देने के मकसद से देश में शुक्रवार से फेसलेस इनकम टैक्स अपील्‍स' प्रणाली लागू हो गई.

ईमानदार करदाताओं का सम्मान देने के मकसद से देश में शुक्रवार से फेसलेस इनकम टैक्स अपील्‍स' प्रणाली लागू हो गई.

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Ashutosh Ojha
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Faceless Income Tax Appeals system, honour honest taxpayers, transparency in tax collection, faceless appeals, cbdt

इस व्यवस्था के तहत करदाता अपने घर से ही समस्‍त कागजात पेश कर सकते हैं. इसके उनके समय और संसाधन की बचत होगी. (Representational)

सरकार ने शुक्रवार को 'फेसलेस इनकम टैक्स अपील्स' व्यवस्था की शुरुआत कर दी. इस व्यवस्था का मकसद देश के ईमानदार टैक्सपेयर्स को सम्मान देना और टैक्स कलेक्शन पारदर्शिता को प्रोत्साहित करना है. वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, ‘फेसलेस अपील्‍स’ के तहत सभी आयकर अपील का फेसलेस माहौल में फेसलेस (टैक्‍स अधिकारी के समक्ष करदाता की व्‍यक्तिगत उपस्थिति जरूरी नहीं) तरीके से निपटान किया जाएगा. हालांकि, इनमें गंभीर धोखाधड़ी, व्‍यापक टैक्स चोरी, संवेदनशील एवं तलाशी से जुड़े मामलों, अंतरराष्ट्रीय टैक्स और ब्लैकमनी अधिनियम से संबंधित अपील शामिल नहीं हैं. इसे प्रभावी बनाने के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया.

वित्त मंत्रालय के अनुसार, फेसलेस अपील से न केवल करदाताओं को काफी सहूलियत होगी, बल्कि निष्‍पक्ष एवं न्यायसंगत अपील आदेशों को भी सुनिश्चित किया जा सकेगा. इसके साथ ही आगे की मुकदमेबाजी भी कम हो जाएगी. नई प्रणाली इसके साथ ही आयकर विभाग के कामकाज में अधिक दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने में भी काफी सहायक होगी.

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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के आंकड़ों के अनुसार, आज की तारीख में विभाग में आयुक्त (अपील) के स्तर पर करीब 4.6 लाख अपील लंबित हैं. इनमें से लगभग 4.05 लाख अपील, यानी कुल अपीलों में से लगभग 88% अपील का निपटान फेसलेस अपील व्‍यवस्‍था के तहत किया जाएगा और आयुक्तों (अपील) की कुल वर्तमान संख्‍या के लगभग 85% का उपयोग फेसलेस अपील व्‍यवस्‍था के तहत मामलों के निपटारे के लिए किया जाएगा.

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कैसे होगी फेसलेस अपील्स?

‘फेसलेस अपील्स’ के तहत अब से आयकर अपील के अंतर्गत अपील के ई-आवंटन, नोटिस/सवालों के ई-संचार, ई-वेरिफिकेश/ई-इन्क्वायरी से लेकर ई-सुनवाई और आखिर में अपीलीय आदेश के ई-कम्युनिकेशन तक सब कुछ यानी अपील की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. जिसके तहत अपीलकर्ता और विभाग के बीच किसी भी तरह की व्‍यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होगी. इसके तहत करदाताओं या उनके परामर्शदाताओं या अधिवक्‍ताओं और आयकर विभाग के बीच आमने-सामने बैठकर कोई वार्तालाप नहीं होगा. करदाता अपने घर से ही समस्‍त कागजात पेश कर सकते हैं और इस तरह से अपने समय एवं संसाधनों को बचा सकते हैं.

वित्त मंत्रालय के अनुसार, ‘फेसलेस अपील्‍स’ व्यवस्था में डायनमिक ज्यूरिडिक्शन के तहत डेटा एनालिटिक्स और एआई के जरिए मामलों का आवंटन करना शामिल होगा. इसके साथ ही नोटिसों को सेंट्रलाइज तरीके से जारी करने की व्‍यवस्‍था होगी जिस पर दस्तावेज पहचान संख्या (DIN) अंकित होगी. डायनमिक ज्यूरिडिक्शन के हिस्‍से के रूप में ड्रॉफ्ट अपीलीय आदेश जिस शहर में तैयार किया जाएगा, उसकी समीक्षा उसी शहर में नहीं, बल्कि किसी और शहर में की जाएगी, जिसके परिणामस्वरूप निष्पक्ष, उचित और न्यायसंगत ऑर्डर जारी करना संभव हो पाएगा.

पीएम ने 13 अगस्त को किया था एलान

प्रधानमंत्री मोदी ने 13 अगस्त, 2020 को ‘पारदर्शी कराधान - ईमानदार का सम्मान’ प्‍लेटफॉर्म के हिस्से के रूप में फेसलेस असेसमेंट और टैक्‍सपेयर्स चार्टर की शुरुआत की थी. इस दौरान उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर 25 सितंबर, 2020 को ‘फेसलेस अपील्‍स’ का शुरू करने की एलान किया था. हाल के वर्षों में आयकर विभाग ने कर प्रक्रियाओं को सरल बनाने और करदाताओं के लिए कम्प्लायंस सुनिश्चित करने के लिए डायरेक्ट टैक्स में कई सुधार लागू किए हैं.

Finance Ministry Cbdt Income Tax Department