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Prime Minister Narendra Modi launched the auction process of coal blocks for commercial mining in June.
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कोरोनावायरस महामारी (coronavirus pandemic) के बीच बीते दिनों मोदी सरकार की तरफ से कोल सेक्टर को डिकंट्रोल करने का बड़ा फैसला किया. इसके तहत गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने 41 कोल ब्लॉक की कॉमर्शियल माइनिंग के लिए नीलामी प्रक्रिया का शुभारंभ किया. इस मौके पर पीएम ने कहा कि हमारे पास जितना भंडार है, उसके लिहाज से भारत को दुनिया का सबसे बड़ा कोयला निर्यातक होना चाहिए. व्यावसायिक गतिविधियों के लिए कोल ब्लॉक को खोलना इसी दिशा में एक बड़ा कदम है. 41 कोल ब्लॉक वर्चुअल नीलामी प्रक्रिया लॉन्च करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह 'आत्मनिर्भरता' हासिल करने की दिशा में अहम कदम है. अगले 5-7 साल में इन ब्लॉक की नीलामी से देश में 33,000 करोड़ रुपये का निवेश आने की संभावना है.
आत्मनिर्भर भारत बनने में मदद मिलेगी
कोल ब्लॉक की वर्चुअल नीलामी पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इससे देश में 2.8 लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे और 33,000 करोड़ रुपये का निवेश आएगा. गृह मंत्री ने अपने सिलसिलेवार ट्वीटव में पीएम मोदी और कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी आभार जताया और कहा कि इस फैसले से संपन्न, भ्रष्टाचार मुक्त और आत्मनिर्भर भारत बनने में मदद मिलेगी. गृह मंत्री ने कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत' विजन के दृष्टिकोण के अनुरूप यह एक ऐतिहासिक निर्णय है. इससे एनर्जी सेक्टर में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी क्योंकि इस फैसले से कोयला का उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी.
नीलामी प्रक्रिया की मुख्य बातें
कोयला खानों के आवंटन के लिए दो चरण की इलेक्ट्रॉनिक नीलामी प्रक्रिया अपनाई जा रही है. मॉडल समझौते के साथ बोली दस्तावेज, नीलामी प्रक्रिया की समय-सीमा का ब्यौरा, प्रस्तावित कोयला खदान समेत नीलामी प्रक्रिया का विवरण http://cma.mstcauction.com/auctionhome/coalblock/index.jsp पर उपलब्ध है, जिसका संचालन नीलामी प्लेटफार्म प्रदाता एमएसटीसी लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है.
कोल ब्लॉक नीलामी से देश को क्या लाभ?
- 225 मीट्रिक टन की अधिकतम अनुमानित उत्पादन क्षमता हो जाने पर ये खदान 2025-26 में देश के कोयले के कुल अनुमानित उत्पादन में लगभग 15% का योगदान देंगी.
- 2.8 लाख से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर बनेंगे. इसमें करीब 70,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार और लगभग 2,10,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा.
- देश में अगले 5-7 वर्षों के दौरान लगभग 33,000 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश की उम्मीद है. ये खदानें राज्य सरकारों को सालाना 20,000 करोड़ रुपये के राजस्व का योगदान देंगी.
- 100 फीसदी एफडीआई से अंतरराष्ट्रीय कार्य प्रणाली, आधुनिक तकनीक और खनन कार्यों में मशीनीकरण की संभावना बनेगी.
- स्वतंत्र थर्मल पावर प्लांट और कैप्टिव पावर प्लांट द्वारा कोयले के उपयोग से आयात में कमी आएगी, आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, विदेशी मुद्रा की बचत होगी.
- उद्योगों के लिए निरंतर कोयला स्टॉक सुनिश्चित करके विनियमित और गैर-विनियमित क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा.
- कोयला गैसीफिकेशन और लिक्विफिकेशन को प्रोत्साहन के साथ स्वच्छ ऊर्जा के कुशल उपयोग को बढ़ावा देना और पर्यावरण प्रदूषण संकट को कम करने में मदद मिलेगी.