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लोक अदालत का मकसद लोगों को तेज, सस्ती और सरल न्याय व्यवस्था देना है. ये अदालतें विवादों को आपसी सहमति से सुलझाती हैं.(Image: IE/Representational)
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) के साथ मिलकर एक खास पहल की है, जिसमें ट्रैफिक चालान को कोर्ट के लंबे झंझट के बिना निपटाया जा सकता है. इस पहल को लोक अदालत कहा जाता है.
लोक अदालत क्या है?
लोक अदालत यानी “जन अदालत” एक वैधानिक संस्था है, जिसे विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत बनाया गया है. इसका मकसद लोगों को तेज, सस्ती और सरल न्याय व्यवस्था देना है. यह अदालतें विवादों को आपसी सहमति से सुलझाती हैं. लोक अदालत में लिए गए फैसले सिविल कोर्ट की तरह मान्य होते हैं और दोनों पक्षों पर लागू होते हैं. इन फैसलों के खिलाफ किसी भी कोर्ट में अपील नहीं की जा सकती, जिससे समय और पैसा दोनों की बचत होती है.
ट्रैफिक चालान निपटाने के लिए घर बैठे ऐसे जनरेट करें टोकन
लोक अदालत की तारीख घोषित होने पर दिल्ली पुलिस की वेबसाइट या संबंधित पोर्टल पर जाएं.
वहां आपको "लोक अदालत टोकन लेने" का विकल्प मिलेगा.
अपना वाहन नंबर या चालान नंबर डालें और बकाया चालानों की जानकारी देखें.
अपनी सुविधा अनुसार स्लॉट चुनकर टोकन बुक करें.
निर्धारित दिन पर दिए गए स्थान पर जाकर मामला निपटाएं.
इस प्रक्रिया से आप बिना कोर्ट जाए, ट्रैफिक चालान का निपटारा आसानी से कर सकते हैं.