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Nano Urea: IFFCO ने नैनो यूरिया की निर्यात के लिए कैलिफोर्निया स्थित कपूर एंटरप्राइजेज के साथ करार किया है. (File Photo)
Nano Urea: इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर को-ऑपरेटिव लिमिटेड (IFFCO) ने गुरुवार को एलान किया कि भारत में निर्मित नैनो यूरिया का निर्यात (export) अब अमेरिका में शुरू हो गया है. यह खबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका में चल रही राजकीय यात्रा के बीच आई है. IFFCO ने एक प्रेस रिलीज में इस बात की जानकारी दी. IFFCO ने नैनो यूरिया की निर्यात के लिए कैलिफोर्निया स्थित कपूर एंटरप्राइजेज के साथ करार किया है.
नैनो यूरिया में क्या है खास?
नैनो यूरिया को कृषि क्षेत्र में एक क्रांति के रूप में देखा जाता है क्योंकि इससे यूरिया पर लगने वाली लागत में कमी आती है लेकिन पैदावार ज्यादा होता है. इसकी सबसे ख़ास बात यह है कि खेत में एक बैग ट्रेडिशनल यूरिया की जगह 500 मिलीलीटर नैनो यूरिया से काम चल जाता है. नैनो यूरिया एक भारतीय इनोवेशन है जिसे IFFCO ने काफी रिसर्च के बाद तैयार किया है.
25 से अधिक देशों में हो चुका है इसका निर्यात
अब तक नैनो यूरिया की 5 लाख बोतलों का निर्यात 25 से अधिक देशों में हो चुका है. भारत में इसकी 5.7 करोड़ से ज्यादा बोतलें बिक चुकी हैं. नैनो यूरिया कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति है. इससे न केवल बेहतर पोषण गुणवत्ता वाला अनाज पैदा होता है बल्कि रासायनिक उर्वरक का उपयोग भी कम होता है. नैनो यूरिया लिक्विड को IFFCO के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों द्वारा कई वर्षों के रिसर्च के बाद तैयार किया गया था.
IFFCO ने बताया है इसे गेम-चेंजिंग इनोवेशन
नैनो यूरिया के अलावा इफको ने नैनो डीएपी लिक्विड (Nano DAP Liquid) भी पेश किया है, जो दुनिया भर के किसानों के लिए उपलब्ध है. पौधों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए नैनो डीएपी एक प्रभावी तरीका है. यह पारंपरिक डीएपी से सस्ता है. IFFCO ने गुरुवार को कहा, “नैनो यूरिया और नैनो डीएपी दोनों ही कृषि उद्योग में गेम-चेंजिंग इनोवेशन है.”