/financial-express-hindi/media/post_banners/HCSKn78VD02r1ec0657T.jpg)
/financial-express-hindi/media/post_attachments/xl14Y7YOPlj66IELO0KN.jpg)
देश के औद्योगिक उत्पादन में मार्च महीने में 16.7 फीसदी की रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई. बेस ईयर 2011-12 के साथ IIP डेटा की नई सीरीज के आधार पर यह औद्योगिक उत्पादन में अप्रैल 2012 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है.‘लॉकडाउन’ के कारण मुख्य रूप से खनन, मैन्युफैक्चरिंग और बिजली क्षेत्र के खराब प्रदर्शन की वजह से औद्योगिक उत्पादन घटा. मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले साल मार्च महीने में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में 2.7 फीसदी की वृद्धि हुई थी.
सरकार ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए 25 मार्च 2020 से देशव्यापी बंद लागू किया है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2020 में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र का उत्पादन 20.6 फीसदी घटा जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 3.1 फीसदी की वृद्धि हुई थी. बिजली उत्पादन में आलोच्य महीने में 6.8 फीसदी की गिरावट आई, जबकि मार्च 2019 में इसमें 2.2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी.
आंकड़ों के अनुसार, खनन क्षेत्र का उत्पादन इस साल मार्च में एक साल पहले के स्तर पर स्थिर रहा, जबकि एक वर्ष पहले इसी महीने में इसमें 0.8 फीसदी की वृद्धि हुई थी. मार्च में कैपिटल गुड्स का उत्पादन 35.6 फीसदी गिरा. मार्च 2019 में इसमें 9.1 फीसदी की गिरावट थी. सालाना आधार पर प्राइमरी गुड्स का उत्पादन 3.1 फीसदी, इंटरमीडिएट गुड्स का उत्पादन18.5 फीसदी, इंफ्रास्ट्रक्चर/कंस्ट्रक्शन का उत्पादन 23.8 फीसदी गिरा. कंज्यूमर ड्यूरेबल्स का उत्पादन 33.1 फीसदी और नॉन ड्यूरेबल्स का उत्पादन 16.2 फीसदी गिरा. IIP में पिछले वित्त वर्ष में 0.7 फीसदी की गिरावट आई, जबकि 2018-19 में इसमें 3.8 फीसदी की वृद्धि हुई थी.