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CBI arrests Indian Defence Service Accounts officer in a bribery case; seizes Rs 40 lakh in cash
Illegal phone tapping case: सीबीआई ने शेयर मार्केट के कर्मियों की अवैध रूप से फोन टैपिंग के मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडेय और एनएसई की पूर्व एमडी व सीईओ चित्रा रामकृष्ण के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने यह कार्रवाई केंद्रीय गृह मंत्रालय से शिकायत मिलने के बाद की है.
पांडेय और रामकृष्ण के अलावा सीबीआई ने इस मामले में एनएसई के एक और पूर्व सीईओ व एमडी रवि नारायण को भी नामजद किया है. नारायण एनएसई को-लोकेशन स्कैम से जुड़े मामले में ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं. सीबीआई के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि पांडेय के खिलाफ दर्ज एफआईआर के सिलसिले में दिल्ली एनसीआर, मुंबई, पुणे, कोटा, लखनऊ, चंडीगढ़ और अन्य शहरों में 20 स्थानों पर छापेमारी हो रही है.
क्या है आरोप
सीबीआई के मुताबिक एनएसई की सिक्योरिटी ऑडिट करने वालों में एक कंपनी आईसेक सिक्योरिटीज भी थी जिसने 2009-17 के बीच अवैध रूप से एनएसई कर्मियों के फोन टेप किए. कंपनी ने ऐसे समय में ऑडिट किया था, जब को-लोकेशन घोटाला हुआ था. को-लोकेशन मामले की जांच सेबी ने वर्ष 2015 में शुरू की थी जब एक व्हिसल ब्लोअर ने आरोप लगाया था कि कुछ ब्रोकर को को-लोकेशन सुविधा, अर्ली लॉग इन और डार्क फाइबर के जरिए एक्सेस प्रॉयोरिटी मिल रही जिससे किसी ट्रेडर को एक्सचेंज के डेटा फीड तक तेजी से पहुंचने में मदद मिल रही है.
2001 में शुरू हुई थी यह कंपनी
पांडेय ने मार्च 2001 में iSec Securities खड़ी की थी और मई 2006 में उन्होंने इसके निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद कंपनी का प्रभार उनके बेटे और मां ने ले लिया था. माना जाता है कि आईआईटी-कानपुर और हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने वाले पांडेय ने सर्विस से इस्तीफे के बाद इसे शुरू किया था. हाालंकि उनका इस्तीफा राज्य सरकार ने स्वीकार नहीं किया था और उन्होंने दोबारा सर्विस ज्वाइन कर लिया लेकिन उन्हें तत्काल कहीं तैनात नहीं किया गया था. बाद में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार के दौरान उन्हें मुंबई का पुलिस कमिश्नर बनाया गया.
(इनपुट: पीटीआई)