/financial-express-hindi/media/post_banners/hgTjvRVTHxg8WMFPBzyo.jpg)
IMD: आईएमडी ने जताया मानसून का पहला अनुमान
/financial-express-hindi/media/post_attachments/lQSMY9IU3YcUl5BMjc4t.jpg)
IMD Monsoon Forecast : कोरोना संकट के बीच आई भारत मौसम विभाग (IMD) से मानूसन (Monsoon) को लेकर अच्छी खबर आई है. इस साल देश में मानूसन सामान्य रहने का अनुमान है. IMD के अनुसार लांग टर्म पीरियड एवरेज में मॉनसून 96 से 104 फीसदी रह सकता है. इस बात की संभावना 48 फीसदी है. मौसम विभाग के अनुसार जून से सितंबर में पूरे देश अच्छी बारिश होगी. इस बात की संभावना बेहद कम है कि बारिश सामान्य से कमजोर हो. फिलहाल न्यूट्रल अलनीनो की स्थिति बनी हुई है. जून के पहले हफ्ते में आईएमडी द्वारा मानूसन को लेकर अपना दूसरा अनुमान जारी किया जाएगा.
मौसम विभाग के अुनसार 48 फीसदी संभावना है कि सीजन में लांग टर्म पीरियड एवरेज में पूरे देश में मानसून सामान्य से 96 से 104 फीसदी हो. वहीं 21 फीसदी संभावना यह भी है कि मानसून 104 से 110 फीसदी के बीच रहे. 9 फीसदी संभावना है कि मानसून 110 फीसदी से भी ज्यादा रहे. सामान्य से कम बारिश होने की संभावना 20 फीसदी है.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए अहम है मानसून
बता दें कि भारत में होने वाली कुल बारिश का करीब 80 फीसदी बारिया मानसून सीजन में ही होती है. अमूमन यह जून के अंत से शुरू होता है और सितंबर तक जारी रहता है. मानसून देश की अर्थव्यवस्था के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है. भारत में खेती बारी पूरी तरह से मानसून पर ही निर्भर है. ऐसे में अच्छी बारिश का मतलब है कि ज्यादा पैदावार और ज्यादा पैदावार का मतलब है कि रूरल इनकम में सुधार.
अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान
बेहतर मानसून का देश की अर्थव्यवस्था में भी बड़ा योगदान है. असल में जब रूरल इनकम बढ़ती है तो कंजम्पशन में भी बढ़ोत्तरी होती है. एफएमसीजी, आटो, कंज्यूमर सेक्टर में इस मांग का बड़ा असर देखा जाता है. मांग बढ़ने से बाजार में लिक्विडिटी बढ़ती है, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का अवसर मिलता है.