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It is to note that the monsoon season in India starts with Kerala on June 1.
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भारत मौसम विभाग (IMD) ने मॉनसून को लेकर अपना पहला अनुमान जारी कर दिया है. आईएमडी के अनुसार इस साल देशभर में अच्छी बारिश होने के आसार हैं. 48 फीसदी संभवना इस बात को लेकर है कि लांग टर्म पीरियड एवरेज में मॉनसून 96 से 104 फीसदी रह सकता है. यह अनुमान जून से सितंबर तक के बीच का है. 21 फीसदी संभावना इस बात को लेकर भी है कि इस दौरान देश में सामान्य के मुकाबले 104 से 110 फीसदी के बीच बारिश हो सकती है. साफ है कि यह खेती किसानी से लेकर उन सभी के लिए अच्छी खबर है जिन्हें बारिश का मौसम पसंद है. गर्मियां अब शुरू हो रही हैं, ऐसे में आपके मन भी यह सवाल होगा कि आखिर आपके शहर में बारिश कब होगी.
हमने यहां भारत मौसम विभाग यानी आईएमडी की ही एक रिसर्च रिपोर्ट से जानकारी जुटाई है. इस रिपोर्ट में 1961 से 2019 तक यानी पिछले करीब 60 साल के दौरान मॉनसून का ट्रेंड दिखाया गया है. उस हिसाब से एक औसत दिखाया गया है कि देश के किस हिस्से में किस डेट के आस पास मॉनसून की एंट्री होती है. वहीं, इसमें मॉनसून के लौटने की भी जानकारी दी गई है. इसी रिपोर्ट के आधार पर हम यहां जानकारी दे रहे हैं कि आपके शहर के आस पास किस दिन मॉनसून पहुंच सकता है. हालांकि इसमें कुछ नीचे या उपर बदलाव की भी गुंजाइश है.
1 जून से 7 जून: तिरूवनंतपुरम, चेन्नई, उडुपी, पंजिम, गंगवटी और इन शहरों के आस पास 1 जून से 7 जून के बीच मॉनसून की एंट्री हो सकती है.
8 जून से 13 जून: हैदराबाद, मछलीपट्टनम, विजाग, कटक, पुरी, सतारा, कोल्हापुर, पुणे, मुंबई, अहमद नगर, गया, कोलकाता और आस पास के इलाकों में 8 जून से 13 जून के बीच मॉनसून की एंट्री हो सकती है.
14 जून से 21 जून : सूरत, जलगांव, नागपुर, रायपुर, अहमदाबाद, खंडावा, बिलासपुर, जमशेदपुर, वाराणसी, छपरा, पिथौरागढ़ और उत्तराखंड के अन्य शहरों और आस पास के इलाकों में 14 जून से 21 जून के बीच मॉनसून की एंट्री हो सकती है.
21 जून से 30 जून: भोपाल, भुज, लखनउ, आजमगढ़,आगरा, दिल्ली, चंडीगढ़, शिमला, जालंधर, लद्दाख, श्रीनगर और आस पास के शहरों में 22 जून से 30 जून के बीच मॉनसून की एंट्री हो सकती है.
1 जुलाई से 8 जुलाई: अजमेर, जैसलमेर, जोधपुर और जयपुर व आस पास के शहरों में 1 जुलाई से 8 जुलाई के बीच मॉनसून की एंट्री हो सकती है.
मॉनसून की संभावना
मौसम विभाग के अुनसार 48 फीसदी संभावना है कि सीजन में लांग टर्म पीरियड एवरेज में पूरे देश में मानसून सामान्य से 96 से 104 फीसदी हो. वहीं 21 फीसदी संभावना यह भी है कि मानसून 104 से 110 फीसदी के बीच रहे. 9 फीसदी संभावना है कि मानसून 110 फीसदी से भी ज्यादा रहे. सामान्य से कम बारिश होने की संभावना 20 फीसदी है.
अर्थव्यवस्था के लिए अहम है मानसून
बता दें कि भारत में होने वाली कुल बारिश का करीब 80 फीसदी बारिया मानसून सीजन में ही होती है. अमूमन यह जून के अंत से शुरू होता है और सितंबर तक जारी रहता है. मानसून देश की अर्थव्यवस्था के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है. भारत में खेती बारी पूरी तरह से मानसून पर ही निर्भर है.
ऐसे में अच्छी बारिश का मतलब है कि ज्यादा पैदावार और ज्यादा पैदावार का मतलब है कि रूरल इनकम में सुधार. जब रूरल इनकम बढ़ती है तो कंजम्पशन में भी बढ़ोत्तरी होती है. एफएमसीजी, आटो, कंज्यूमर सेक्टर में इस मांग का बड़ा असर देखा जाता है. मांग बढ़ने से बाजार में लिक्विडिटी बढ़ती है, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का अवसर मिलता है.