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Image: Reuters
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अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 2020 के लिए भारत का आर्थिक वृद्धि दर अनुमान घटा दिया है. IMF ने कहा है कि इस साल भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट केवल 1.9 फीसदी रहेगी. IMF का मानना है कि कोरोनावायरस महामारी के चलते 2020 का साल वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए काफी खराब रहने वाला है.
IMF का अनुमान है कि इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में 1930 के दशक की महामंदी के बाद की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिलेगी. कोविड19 के कारण इस वक्त पूरी दुनिया में सभी आर्थिक गतिविधियां बंद हैं.
भारत सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था
ऐसा माना जा रहा है कि भारत का आर्थिक प्रदर्शन इस साल 1991 के उदारीकरण के बाद सबसे खराब रहेगा. लेकिन IMF ने वर्ल्ड इकोनॉमी रिपोर्ट के नए एडिशन में भारत को दुनिया की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था करार दिया है. IMF का कहना है कि 2020 में केवल दो बड़े देश पॉजिटिव ग्रोथ रेट दर्ज करेंगे. इनमें से एक भारत और दूसरा चीन है, जिसके लिए IMF ने 1.2 फीसदी की ग्रोथ रेट का अनुमान दिया है.
ग्लोबल ग्रोथ रेट -3% रहने का अनुमान
वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर IMF की चीफ इकोनॉमिस्ट गीता गोपिनाथ ने कहा है कि 2020 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर गिरकर -3 फीसदी रहने का अनुमान है. यह जनवरी 2020 से 6.3 फीसदी कम है. आगे कहा कि कोविड19 महामारी सभी क्षेत्रों को बुरी तरह प्रभावित करेगी.
2021 में कितनी रह सकती है वृद्धि दर
IMF ने 2021 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर 5.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. वहीं भारत की ग्रोथ रेट 2021 में 7.4 फीसदी और चीन की 9.2 फीसदी रहने का अनुमान दिया है. वहीं अमेरिका की वृद्धि दर 2021 में 4.5 फीसदी और जापान की 3 फीसदी रहने की बात कही है. IMF की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि टूरिज्म, ट्रैवल, एंटरटेनमेंट और हॉस्पिटैलिटी पर निर्भर देशों को ज्यादा नुकसान झेलना पड़ सकता है.