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COVID-19: क्या रिकवर होने के बाद भी टेस्टिंग जरूरी, गर्मी या सर्दी का कोरोना वायरस पर कितना असर? जरूरी सवालों के जवाब

COVID-19 को लेकर लोगों में डर बढ़ने से कई तरह के सवाल और कनफ्यूजन भी हैं.

COVID-19 को लेकर लोगों में डर बढ़ने से कई तरह के सवाल और कनफ्यूजन भी हैं.

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Sushil Tripathi
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COVID-19, important facts about coronavirus, important information about COVID-19, Centers for Disease Control and Prevention, CDC advisory on coronavirus

COVID-19 को लेकर लोगों में डर बढ़ने से कई तरह के सवाल और कनफ्यूजन भी हैं.

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नोवल कोरोना वायरस COVID-19 ने पूरी दुनिया में हेल्थ इमरजेंसी की स्थिति ला दी है. आंकड़ों के अनुसार, दुनियाभर में कोरोना वायरस से करीब 11 लाख लोग संक्रमित हो चुके थे. वहीं, इसके चलते 60,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी थी. इस लिहाज से हर 10 लाख की आबादी पर कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 141 है, जबकि हर 10 लाख पर मरने वालों की संख्या 7 के करीब पहुंच गई है. भारत में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे इस बीमारी को लेकर लोगों में डर बढ़ने से कई तरह के सवाल और कनफ्यूजन भी बन गए हैं. हमने यहां सेंटर्स फार डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC), WHO, द लैसेंट की स्टडी और मेडिकल एक्सपर्ट के हवाले से कुछ जानकारियां दी हैं. जिससे इस बीमारी पर भ्रम की जह सही जानकारी मिल सके. इन जानकारियों को CMAAO के प्रेसिडेंट डॉ केके अग्रवाल ने जुटाया है.

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सवाल नं. 1) क्या सिर्फ टेस्टिंग से ही यह तय होता है कि कोई मरीज कोरोना से पूरी तरह उबर चुका है?

सेंटर्स फार डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने यह सलाह दी है कि सभी कंफर्म और सस्पेक्टेड कोरोना वायरस के मरीजों के लिए पहले तो लक्षण मुक्त होना चाहिए. उसके बाद 24 घंटे में कम से कम 2 बार वायरस के लिए टेस्टिंग निगेटिव होनी चाहिए.

वहीं, CDC ने अपनी ताजा गाइडलाइन में कहा है कि अगर कंफर्म या सस्पेक्टेड कोविड-19 मरीज बिना बुखार कम करने वाली दवा के इस्तेमाल से 3 दिन के अंदर फीवर फ्री हो जाए या लक्षण शुरू होने के बाद 7 दिन में फीवर फ्री हो जाए और इस दौरान उसके रेसिपेटरी लक्षणों में भी सुधार हो तो उसे रिकवर्ड माना जाएगा. हालांकि इस कंडीशन में भी मरीज को 7 दिन निगरानी में रहना चाहिए.

सवाल नं. 2) क्या बिना लक्षण दिखे भी कोई दूसरे को संक्रमित कर सकता है?

US सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन की स्टडी के अनुसार कोरोना वायरस का लक्षण दिखने में 3 दिन या इससे ज्यादा भी लग सकता है. लेकिन अगर किसी में लक्षण नहीं भी दिखता है और उसमें कोरोना वायरस हैं तो वह किसी और को संक्रमित कर सकता है.

सवाल नं. 3) पहले से किस तरह की बीमारी होने पर हाई रिस्क?

हार्ट की बीमारी

अस्थमा या फेफड़े की बीमारी

कैंसर पेंशेंट

आर्गन ट्रांसप्लांट वाले मरीज

HIV या AIDS

गंभीर रूप से मोटापा

डायबिटीज

किडनी की बीमारी

लीवर की बीमारी

इम्यून डेफिसिएंसी

नोट: इनमें भी अगर उम्र 65 साल से ज्यादा है तो खतरा और बढ़ जाता है.

सवाल नं. 4) क्या बच्चों या युवाओं को कारेाना वायरस का खतरा बहुत कम है?

ऐसा बिल्कुल नहीं है. इटली जहां कोरोना का प्रकोप बहुत ज्यादा है, इंटेसिव केयर में रखे गए मरीजों में 15 फीसदी 50 साल से कम उम्र के हैं. कोरिया में करीब 16 फीसदी मौत 60 साल से कम उम्र के लोगों की हुई है. पिछले महीने आई एक स्टडी के अनुसार चीन में कोरोना वायरस के करीब 2143 मामले बच्चों से जुड़े थे. इनमें से करीब 6 फीसदी मामले गंभीर थे.

सवाल नं. 5) क्या गर्मी में कोरोना वायरस की सक्रियता कम हो जाती है?

द लैसेंट माइक्रोब की स्टडी के अनुसार कोरोना वायरस के मरीज कम तापमान में ज्यादा सक्रिय रहते हैं. 4 डिग्री तापमान पर इनकी सक्रियता बहुत ज्यादा रहती है. ट्रीटमेंट के बाद भी इस तापमान में ये 14 दिन जिंद्रा रह सकते हैं. जैसे जैसे तापमान बढ़ता है इनकी सक्रियता कम होती है. 70 डिग्री तापमान में ये 5 मिनट भी जिंदा नहीं रह पाते.

सवाल नं. 6) क्या रुपये या दूसरे बैंक नोट, कपड़ों या मास्क से भी हो सकता है संक्रमण?

इसके लिए बंद कमरे में 22 डिग्री के तापमान पर एक स्टडी का हवाला देते हुए कहा गया है कि बैंक नोट या शीशे पर 4 दिन बाद सक्रमित करने वाले वायरस जिंदा नहीं रह सकते. इसी तरह से कपउ़ों पर 2 दिन बाद ये सक्रिय नहीं रह सकते.