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चुनाव आयोग हमेशा पारदर्शिता का रहा है पक्षधर, सुप्रीम कोर्ट के इलेक्टोरल बांड ऑर्डर पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कही ये बात

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग हमेशा पारदर्शिता का पक्षधर रहा है और अब जब इलेक्टोरल बांड को लेकर आदेश आ गया है तो हम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कार्रवाई करेंगे.

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग हमेशा पारदर्शिता का पक्षधर रहा है और अब जब इलेक्टोरल बांड को लेकर आदेश आ गया है तो हम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कार्रवाई करेंगे.

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FE Hindi Desk
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Election Commission on Supreme Courts electoral bonds order

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में चुनाव आयोग को 13 मार्च 2024 तक सभी राजनीतिक पार्टियों को इलेक्टोरल बॉन्ड से मिले चंदे के बारे में डेटा प्रकाशित करने के लिए कहा था. (Express Photo)

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में चुनाव आयोग को 13 मार्च 2024 तक सभी राजनीतिक पार्टियों को इलेक्टोरल बॉन्ड से मिले चंदे के बारे में डेटा प्रकाशित करने के लिए कहा था. सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के दो दिन बाद चुनाव आयोग ने कहा कि वह हमेशा पारदर्शिता के पक्ष में रहा है और वह शीर्ष अदालत के आदेश का पालन करेगा.

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने भुवनेश्वर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि चुनाव आयोग भी चुनावी बॉन्ड मामले में एक पक्ष था. आपने हमारे हलफनामे देखे होंगे. आयोग ने हमेशा दो चीजों- सूचना प्रवाह के संदर्भ में पारदर्शिता और भागीदारी पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि आयोग महेशा पारदर्शिता के पक्षधर रहा है और अब जब आदेश आ गया है तो हम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कार्रवाई करेंगे. राजीव कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग की टीम इस साल अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनाव और विधानसभा चुनावों की तैयारियों की समीक्षा के लिए भुवनेश्वर पहुंची थी.

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शीर्ष अदालत ने गुरूवार को अपने आदेश में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को निर्देश दिया था कि वह अपनी शाखाओं से खरीदे गए सभी इलेक्टोरल बॉन्ड का डिटेल साझा करे, जिसमें खरीद की तारीख, खरीदार का नाम और वैल्यू शामिल हो. बैंक को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए हर एक इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल तीन हफ्ते के भीतर चुनाव को उपलब्ध कराए. चुनाव आयोग को 13 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर विवरण प्रकाशित करने के लिए कहा गया है.

2019 में शीर्ष अदालत को सौंपे गए अपने हलफनामे में चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि राजनीतिक फंडिंग से संबंधित कई कानूनों में किए गए बदलावों के पारदर्शिता पर "गंभीर परिणाम" होंगे. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर सुप्रीम कोर्ट में लंबित चल रहे मामलों पर राजीव कुमार ने कहा कि कोर्ट के फैसलों का इंतजार है. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में बड़ी संख्या में मामले थे, जिन पर पहले ही फैसला हो चुका है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग इन निर्देशों के आधार पर काम करता है. जो भी फैसला आएगा और बदलाव की जरूरत होगी, हम उसके अनुसार करेंगे.

राजीव कुमार ने कहा कि अगर किसी को ईवीएम पर संदेह है, तो वह आयोग की वेबसाइट पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल यानी फ्रीक्वेंटली आस्क्ड क्वेश्चन सेगमेंट में जाकर देख सकता है. उन्होंने कहा कि यह सेगमेंट न केवल लोगों के संदेह को दूर करेगा बल्कि बड़े पैमाने पर हर कोई इसे समझ और जान सकता है. सैकड़ों से अधिक सवालों के जवाब दिए गए हैं. हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में 30 से अधिक मामलों के आदेश भी प्रकाशित किए जा चुके हैं.

ईवीएम की प्रामाणिकता पर सीईसी ने कहा कि अगर कोई आयोग की वेबसाइट से पिछले पांच-सात सालों के नतीजों की जांच करता है, तो यह स्पष्ट है कि "चुनाव नतीजों का कोई एक पैटर्न नहीं है. यह बदलता है".

ओडिशा में चुनाव तैयारियों पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों ने आशंका जताई है कि प्रशासन यानी राज्य चुनाव मशीनरी निष्पक्ष नहीं है और वे सत्ताधारी पार्टी का पक्ष लेते हैं. राजीव कुमार ने यह भी कहा कि कुछ पार्टियों ने आरोप लगाया है कि सरकारी वाहनों और एम्बुलेंस का इस्तेमाल कैश सहित अवैध चीजों को ले जाने के लिए किया जाता है.

चुनाव आयोग की ओर से राजीव कुमार ने कहा कि पूर्ण निष्पक्षता, पारदर्शिता बनाए रखने और सभी को समान अवसर देने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने राज्य चुनाव अधिकारियों को चुनाव प्रक्रिया के दौरान हिंसा रोकने के बारे में भी आगाह किया.

Election Commission