/financial-express-hindi/media/post_banners/ZxNDzLUccdEJcihcDIHP.jpg)
कोविड-19 संक्रमण और स्थानीय लॉकडाउन ने RBI गवर्नर शक्तिकांत दास और MPC के दूसरे सदस्यों को ब्याज दरों को बरकरार रखने के लिए प्रेरित किया.
कोविड-19 संक्रमण और स्थानीय लॉकडाउन ने RBI गवर्नर शक्तिकांत दास और MPC के दूसरे सदस्यों को ब्याज दरों को बरकरार रखने के लिए प्रेरित किया. यह गुरुवार को जारी मीटिंग के मिनट्स से जानकारी मिली है. गवर्नर ने मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की 7 अप्रैल को खत्म हुई मीटिंग के दौरान कहा कि समय की जरूरत जारी आर्थिक रिकवरी को प्रभावी तौर पर सुरक्षित करने की है, जिससे यह बड़े आधार वाली और स्थायी बने.
केंद्रीय बैंक द्वारा जारी बैठक के मिनट्स के मुताबिक, उन्होंने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में कोविड-19 संक्रमण में नया उछाल और संबंधित स्थानीय और क्षेत्रीय लॉकडाउन ने ग्रोथ आउटलुक में अनिश्चित्ता लाई है.
वित्त वर्ष 2021-22 में ग्रोथ बरकरार रखने की जरूरत
दास ने कहा कि ऐसे वातावरण में, मॉनेटरी पॉलिसी को रिकवरी को समर्थन, प्रोत्साहन देने के लिए उदार बने रहना चाहिए. उनके मुताबिक, हमें नए वित्त वर्ष 2021-22 में ग्रोथ की गति को बनाए रखने की जरूरत है. MPC में दास, आरबीआई डिप्टी गवर्नर Michael Debabrata Patra, आरबीआई एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मृदुल के सागर और तीन बाहरी सदस्य शामिल थे. इन्होंने रेपो रेट को 4 फीसदी पर बरकार रखने के पक्ष में वोट दिया था.
पात्रा ने कहा कि मॉनेटरी पॉलिसी को अर्थव्यवस्था का समर्थन जारी रखना चाहिए, जब तक कि रिकवरी का आधार मजबूत नहीं है और उसकी स्थिरता सुनिश्चित नहीं है. उन्होंने जिक्र किया कि लंबी अवधि की मुद्रास्फीति की उम्मीदें खाद्य और तेल की कीमतों में ज्यादा उतार-चढ़ाव के बावजूद बड़े तौर पर स्थिर बनी रही हैं. उन्होंने कहा कि डिमांड अभी भी कमजोर है. इसके आगे उन्होंने कहा कि वे महंगाई में हाल ही में हुई बढ़ोतरी और अर्थव्यवस्था में मजबूत और स्थिर ग्रोथ के रास्ते पर रिवाइवल पर केंद्रित रहना चाहिए.
दिल्ली में ऑक्सीजन पहुंचने से रोके जाने पर सख्त हुआ हाई कोर्ट, चेताया- हो सकती है आपराधिक कार्रवाई
उन्होंने मत दिया कि इस कदम से घरेलू वित्तीय बाजारों को वैश्विक असर और अस्थिरता से बचाया जा सकेगा, जिससे अनुकूल वित्तीय स्थित ग्रोथ को समर्थन देते रहे.