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Wheat Export Ban: गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रतिबंध, लेकिन इन परिस्थितियों में रहेगी मंजूरी

Wheat Export Ban: गेहूं के बढ़ते भाव को थामने के लिए भारत से इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

Wheat Export Ban: गेहूं के बढ़ते भाव को थामने के लिए भारत से इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

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India bans wheat exports with immediate effect as part of measures to control rising domestic prices

इस साल रबी सत्र में गेहूं की सरकारी खरीदारी में तेज गिरावट हुई है और 1 मई तक 44 फीसदी कम यानी 1.62 करोड़ टन गेहूं खरीदा गया. (Image- Pixabay)

Wheat Export Ban: गेहूं के बढ़ते भाव को थामने के लिए भारत से इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इससे जुड़ा ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है और निर्यात पर प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. हालांकि जिस निर्यात शिपमेंट के लिए लेटर्स ऑफ क्रेडिट पहले ही जारी हो चुके हैं, उनके निर्यात को मंजूरी जारी रहेगी. डायरेक्टरोट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) ने 13 मई की तारीख में इससे जुड़ा नोटिफिकेशन जारी किया है.

इन परिस्थितयों में गेहूं हो सकेगा निर्यात

डीजीएफटी ने अपने नोटिफिकेशन में कुछ परिस्थितियों में गेहूं के निर्यात को मंजूरी देने की भी बात कही है. इसके लिए भारत सरकार मंजूरी देगी. जैसे कि किसी देश में खाद्य सुरक्षा की जरूरतों के मुताबिक सरकार गेहूं के निर्यात की मंजूरी दे सकती है जिसके लिए वहां की सरकार भारत से अनुरोध करेगी. वहीं जिनके शिपमेंट के लिए लेटर्स ऑफ क्रेडिट (LoC) पहले ही जारी हो चुके हैं, उनके निर्यात को भी मंजूरी है.

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इस साल 1 करोड़ टन गेहूं के निर्यात का है लक्ष्य

बढ़ती वैश्विक मांग के चलते पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में भारत से 205 करोड़ डॉलर (15.9 हजार करोड़ रुपये) का 70 लाख टन गेहूं निर्यात हुआ है. डीजीएफटी के आंकड़ों के मुताबिक इसमें से करीब 50 फीसदी गेहूं बांग्लादेश को भेजा गया था. वहीं इस साल की बात करें तो भारत से 9.63 लाख टन गेहूं भेजा जा चुका है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 1.30 लाख टन गेहूं ही निर्यात हुआ था. भारत ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 में 1 करोड़ टन गेहूं के निर्यात का लक्ष्य रखा है. कॉमर्स मिनिस्ट्री ने हाल में कहा था कि भारत नौ देशों- मोरक्को, ट्यूनीशिया, इंडोनेशिया, फिलीपींस, थाइलैंड, वियतनाम, टर्की, अल्जीरिया और लेबनान में ट्रेड डेलीगेशंस भेजेगी ताकि इन देशों में गेहूं के निर्यात को बढ़ावा देने की संभावनाओं को तलाशा जा सके.

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गेहूं की खरीद में तेज गिरावट

इस साल रबी सत्र में गेहूं की सरकारी खरीदारी में तेज गिरावट हुई है और 1 मई तक 44 फीसदी कम यानी 1.62 करोड़ टन गेहूं खरीदा गया. इसकी सबसे बड़ी वजह निजी व्यापारियों द्वारा एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) से अधिक भाव पर भारी खरीदारी और पंजाब व हरियाणा में कम आवक रही. एक साल पहले सरकार ने 2.88 करोड़ टन गेहूं खरीदा था. रबी मार्केटिंग सीजन अप्रैल से मार्च का होता है और सरकार ने इस साल 2022-23 मार्केटिंग सीजन में 4.44 करोड़ टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है. पिछले मार्केटिंग सीजन में सरकार ने रिकॉर्ड 4.33 करोड़ टन गेहूं खरीदा था. इस साल 11.13 करोड़ टन गेहूं की पैदावार का अनुमान है.

(Input: PTI)

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