/financial-express-hindi/media/post_banners/gKDDv7nlAXw8npnrNeXK.jpg)
Anocovax वैक्सीन कुत्ता, शेर, तेंदुआ, चूहा और खरगोश के लिए सुरक्षित है.
भारत में दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम चल रहा है और इसके तहत दो डोज के अलावा बूस्टर डोज भी लगाया जा रहा है. अब इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए जानवरों को भी कोरोना से सुरक्षित करने के लिए वैक्सीन आ गई है. हरियाणा में स्थित इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च-नेशनल रिसर्च सेंटर (ICAR-NRC) ने जानवरों के लिए देश का पहला कोरोना वैक्सीन Anocovax तैयार किया है. यह एक निष्क्रिय सार्स-कोवी-2 डेल्टा कोविड-19 वैक्सीन है. आईसीएआर द्वारा जारी बयान के मुताबिक यह वैक्सीन कोरोना के डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों वैरिएंट्स के खिलाफ प्रभावी है. इसके अलावा जानवरों को होने वाली खतरनाक बीमारी Surra के लिए टेस्टिंग किट और घोड़ों के लिए डीएनए पैरेंटेज टेस्टिंग किट भी लॉन्च हुआ है.
Anocovax से जुड़ी खास बातें
- इस वैक्सीन में सहायक के रूप में Alhydrogel के साथ सार्स-कोवी-2 (डेल्टा) एंटीजन है.
- यह कुत्ता, शेर, तेंदुआ, चूहा और खरगोश के लिए सुरक्षित है.
- शुरुआती स्टडी में यह नहीं पता चल सका था कि जानवरों खासतौर से पालतू पशुओं को कोरोना हो सकता है या नहीं. हालांकि स्टडी आगे बढ़ी तो यह पाया गया कि इंसानों से जानवरों में कोरोना संक्रमण हो सकता है लेकिन अभी तक जानवरों से इंसानों को संक्रमण होने की पुष्टि नहीं हुई है. अब जानवरों की वैक्सीन आ गई है. इसके अलावा CAN-CoV-2 ELISA kit भी आई है जो कुत्तों में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी का पता लगा सकती है.
Fitch Ratings ने दो साल बाद मजबूत किया भारत का आउटलुक, लेकिन ग्रोथ अनुमान में की कटौती
वैक्सीन के साथ डायग्नोस्टिक किट्स भी लॉन्च
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जानवरों के लिए देश के पहले स्वदेशी कोरोना वैक्सीन को लॉन्च किया. इसके अलावा उन्होंने आईसीएआर-एनआरसी द्वारा बनाए गए जानवरों के डायग्नोस्टिक किट्स Surra ELISA को भी वर्चुअल लॉन्च किया. आईसीएआर की रिलीज के मुताबिक इसके अलावा अभी बाजार में कुत्तों में एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए कोई और इस प्रकार का किट्स उपलब्ध नहीं है. Surra ELISA किट कई जानवरों में 'Trypanosoma Evansi' संक्रमण के लिए इलाज का बेहतर उपाय है.
यहां यह जानना जरूरी है कि सुर्रा देश के सभी हिस्सों में मवेशियों को होने वाली बीमारी है और इसके चलते आईसीएआर के मुताबिक हर साल मवेशियों की उत्पादकता 4474 करोड़ रुपये घट जाती है. इस किट के पेटेंट के लिए आवेदन किया जा चुका है. केंद्रीय मंत्री ने घोड़े के लिए डीएनए पैरेंटेज टेस्टिंग किट भी लॉन्च किया जो घोड़ों में पैरेंटेज एनालिसिस के लिए पॉवरफुल जीनोमिक टेक्नोलॉजी है.
(Input: PTI)