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हथियारों के मामले में आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़े कदम, DRDO वे बनाया पहला स्वदेशी मशीन पिस्टल

आत्मनिर्भर भारत की तरफ भारत ने एक और कदम आगे बढ़ा दिया है और देश में ही हथियारों के निर्माण को लेकर आत्मनिर्भरता मजबूत हुई है.

आत्मनिर्भर भारत की तरफ भारत ने एक और कदम आगे बढ़ा दिया है और देश में ही हथियारों के निर्माण को लेकर आत्मनिर्भरता मजबूत हुई है.

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FE Online
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India first indigenous machine pistol ASMI developed jointly by DRDO and Indian Army displayed at Army innovation display event

डीआरडीओ और भारतीय सेना ने मिलकर एक मशीन पिस्टल एएसएमआई तैयार किया है.

आत्मनिर्भर भारत की तरफ भारत ने एक और कदम आगे बढ़ा दिया है और देश में ही हथियारों के निर्माण को लेकर आत्मनिर्भरता मजबूत हुई है. डिफेंस रिसर्च एंड डेलवपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) और भारतीय सेना ने मिलकर एक मशीन पिस्टल एएसएमआई तैयार किया है. यह देश की पहली स्वदेशी मशीन पिस्टल है. इसे 13 जनवरी को आर्मी के इनोवेशन इवेंट में दिखाया गया. यह पिस्टल डिफेंस फोर्सेज में 9 एमएम पिस्टल्स की जगह ले लेंगी. डीआरडीओ ने इससे जुड़ा एक बयान जारी किया है.

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चार महीने में 300 से अधिक राउंड्स फायर

जानकारी के मुताबिक, मशीन पिस्टल 100 मीटर की रेंज तक फायर करने में सक्षम है. इसके अलावा यह मशीन पिस्टल इजराइल की यूजी सीरीज गन्स के श्रेणी की है. डीआरडीओ द्वारा जारी बयान के मुताबिक इस प्रोटोटाइप ने अपने अपने डेवलपमेंट के चरण में पिछले चार महीनों के दौरान 300 राउंड्स से अधिक फायर कर चुके हैं.

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2020 में बनाया था पहला स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल

इससे पहले डीआरडीओ ने पिछले साल नवंबर 2020 में भारत ने ‘रुद्रम’ एंटी रेडिएशन मिसाइल का सफल परीक्षण किया था जिसे डीआरडीओ ने विकसित किया था. यह परीक्षण सुखोई-30 लड़ाकू विमान से किया गया था. रुद्रम देश की पहली एंटी-रेडिएशन मिसाइल है जिसे डीआरडीओ ने भारतीय एयर फोर्स के लिए तैयार किया है. डीआरडीओ द्वारा निर्मित नई पीढ़ी का एंटी रेडिएशन मिसाइल रूद्रम-1 देश की पहली एंटी रेडिएशन मिसाइल है जिसे भारतीय वायुसेना के लिए तैयार किया गया है. डीआरडीओ के मुताबिक इस मिसाइल की रेंज क्षमता लांच कंडीशन के आधार पर होगी.

Indian Army Drdo