scorecardresearch

राजकोषीय घाटा बजट अनुमान के 120% पर पहुंचा, अक्टूबर आखिर में रहा 9.53 लाख करोड़

देश का राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) चालू वित्त वर्ष में अक्टूबर के आखिर तक बढ़कर 9.53 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया जो सालाना बजट अनुमान का करीब 120 फीसदी है.

देश का राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) चालू वित्त वर्ष में अक्टूबर के आखिर तक बढ़कर 9.53 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया जो सालाना बजट अनुमान का करीब 120 फीसदी है.

author-image
PTI
एडिट
New Update
Although China’s public-health and economic outcomes have been better than the West’s in 2020, it has neither found nor really sought a political or diplomatic advantage from the crisis.

Although China’s public-health and economic outcomes have been better than the West’s in 2020, it has neither found nor really sought a political or diplomatic advantage from the crisis.

देश का राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) चालू वित्त वर्ष में अक्टूबर के आखिर तक बढ़कर 9.53 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया जो सालाना बजट अनुमान का करीब 120 फीसदी है. शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक मुख्य रूप से राजस्व संग्रह कम रहने से घाटा बढ़ा है. कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से कारोबारी गतिविधियों पर बुरा असर हुआ है. इसका असर राजस्व संग्रह पर पड़ा है. इस साल सितंबर के आखिर में राजकोषीय घाटा सालाना बजट अनुमान का 114.8 फीसदी था.

जुलाई में ही सालाना लक्ष्य से ऊपर निकल गया था

महालेखा नियंत्रक (CGA) के आंकड़े के मुताबिक वास्तविक रूप से देखा जाए तो राजकोषीय घाटा अक्टूबर 2020 के आखिर में 9,53,154 करोड़ रुपये रहा जो सालाना बजट अनुमान का 119.7 फीसदी है. पिछले वित्त वर्ष 2019-20 के पहले सात महीने में राजकोषीय घाटा सालाना लक्ष्य का 102.4 फीसदी था. राजस्व और व्यय के बीच अंतर को बताने वाला राजकोषीय घाटा इस साल जुलाई में ही सालाना लक्ष्य से ऊपर निकल गया था.

Advertisment

सरकार की अक्टूबर तक कुल प्राप्ति 7,08,300 करोड़ रुपये रही जो 2020-21 के बजट अनुमान का 31.54 फीसदी है. इसमें 5,75,697 करोड़ रुपये कर राजस्व और 1,16,206 करोड़ रुपये गैर-कर राजस्व है. जबकि 16,397 करोड़ रुपये गैर-ऋण पूंजी प्राप्ति है. गैर-ऋण पूंजी प्राप्ति में 10,218 करोड़ रुपये कर्ज की वसूली और 6,197 करोड़ रुपये विनिवेश से प्राप्त राशि है. पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में अप्रैल-अक्टूबर के दौरान कुल प्राप्ति सालाना लक्ष्य की 45 फीसदी थी.

Q2FY21 GDP: जुलाई-सितंबर में जीडीपी 7.5% गिरी, देश टेक्निकल रिसेशन के दौर में

बजट में राजकोषीय घाटे का अनुमान 3.5 फीसदी किया गया था

चालू वित्त वर्ष के बजट में 2020-21 के लिये राजकोषीय घाटा 7.96 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी का 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है. हालांकि कोरोना संकट को देखते हुए इन आंकड़ों में उल्लेखनीय सुधार की जरूरत पड़ सकती है. वित्त वर्ष 2019-20 में राजकोषीय घाटा सात साल के उच्च स्तर जीडीपी के 4.6 फीसदी पर पहुंच गया था. इसका मुख्य कारण राजस्व संग्रह में कमी थी.

Fiscal Deficit