scorecardresearch

Morgan Stanley ने घटाया भारत का जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान, वित्त वर्ष 2022-23 में 7.9% रह सकती है वृद्धि दर

Morgan Stanley ने रिटेल इन्फ्लेशन के अनुमान को बढ़ाकर 6 प्रतिशत कर दिया है. उसका यह भी अनुमान है कि देश का चालू खाते का घाटा (CAD) बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 3 प्रतिशत पर पहुंच जाएगा.

Morgan Stanley ने रिटेल इन्फ्लेशन के अनुमान को बढ़ाकर 6 प्रतिशत कर दिया है. उसका यह भी अनुमान है कि देश का चालू खाते का घाटा (CAD) बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 3 प्रतिशत पर पहुंच जाएगा.

author-image
FE Online
एडिट
New Update
India GDP growth forecast cut to 7.9 pc: Morgan Stanley

अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान को घटाकर 7.9 फीसदी कर दिया है.

Morgan Stanley cuts India GDP Growth Rate: अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान को घटाकर 7.9 फीसदी कर दिया है. मॉर्गन स्टेनली ने अपने पहले के अनुमान में 50 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती की है. इसके साथ ही, मॉर्गन स्टेनली ने रिटेल इन्फ्लेशन के अनुमान को बढ़ाकर 6 प्रतिशत कर दिया है. उसका यह भी अनुमान है कि देश का चालू खाते का घाटा (CAD) बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 3 प्रतिशत पर पहुंच जाएगा.

NEET-PG कट-ऑफ 15 फीसदी तक किया गया कम, 6 हजार से ज्यादा सीटों की बर्बादी को रोकने के लिए लिया गया फैसला

मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में क्या है?

Advertisment

मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हमारा अनुमान है कि साइक्लिकल रिकवरी का ट्रेंड जारी रहेगा, लेकिन यह हमारे पिछले अनुमान से कम रहेगा. मौजूदा जियो-पॉलिटिकल टेंशन की वजह से एक्सटर्नल रिस्क बढ़ेंगे और अर्थव्यवस्था गतिहीन मुद्रास्फीति (Stagflation) की ओर बढ़ेगी.’’ गतिहीन मुद्रास्फीति में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर घटती है, लेकिन इसके साथ ही महंगाई बढ़ती है. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘भारत तीन चीजों- कच्चे तेल और अन्य कमोडिटीज के ऊंचे दाम, ट्रेड और अन्य सख्त फाइनेंशियल कंडीशन से प्रभावित हो रहा है, जिससे कारोबार और इन्वेस्टमेंट सेंटीमेंट प्रभावित रही है.’’

मॉर्गन स्टेनली ने कहा, ‘‘कच्चे तेल की ऊंची कीमतों की वजह से हम 2022-23 के लिए अपने वृद्धि दर के अनुमान को आधा प्रतिशत घटाकर 7.9 प्रतिशत कर रहे हैं. इसके अलावा कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) बेस्ड इन्फ्लेशन के अनुमान को बढ़ाकर छह प्रतिशत कर रहे हैं. इसके साथ ही, चालू खाते का घाटा बढ़कर जीडीपी के तीन प्रतिशत पर पहुंच सकता है, जो इसका 10 साल का ऊंचा स्तर होगा.’’

Paytm CEO विजय शेखर शर्मा ने डीसीपी की गाड़ी को मारी टक्कर, गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा

बढ़ेगा मुद्रास्फीतिक दबाव

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अपनी कच्चे तेल की 85 प्रतिशत जरूरत आयात से पूरी करता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम एक समय 140 डॉलर प्रति बैरल के 14 साल के उच्च स्तर पहुंचने के बाद कुछ नीचे आए हैं. भारत को कच्चे तेल के लिए अधिक भुगतान करना होगा. इससे मुद्रास्फीतिक दबाव बढ़ेगा.

(इनपुट-पीटीआई)

Gdp Growth Morgan Stanley Gdp