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देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) चालू वित्त वर्ष की दिसंबर में खत्म तिमाही (Q3) के दौरान सकारात्मक होकर 1.3 फीसदी पर पहुंच सकती है.
देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) चालू वित्त वर्ष की दिसंबर में खत्म तिमाही (Q3) के दौरान सकारात्मक होकर 1.3 फीसदी पर पहुंच सकती है. इससे पहले की दो तिमाहियों के दौरान कोरोना वायरस महामारी के फैलने की वजह से इसमें बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी. चालू वित्त वर्ष की दिसंबर में तिमाही के जीडीपी आंकड़े सरकार शुक्रवार को जारी करेगी. DBS बैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान जीडीपी में 6.8 फीसदी की गिरावट रह सकती है.
क्या हैं सुधार के कारण?
बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, कैलेंडर वर्ष 2020 की आखिरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में जीडीपी दर सकारात्मक दायरे में आ सकती है. डीबीएस समूह की शोध अर्थशास्त्री राधिका राव ने कहा कि देश में कोविड-19 की स्थिति में तेजी से सुधार आना और लोगों के खर्च में तेजी से बढ़ोतरी होना, दो ऐसे कारक रहे हैं, जो दिसंबर 2020 तिमाही के लिए बेहतर साबित होंगे.
भारत की जीडीपी में पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान 24 फीसदी और दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 7.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. डीबीएस की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, अब तीसरी तिमाही में यह सकारात्मक हो जाएगी और इसमें 1.3 फीसदी की वृद्धि होगी.
अगले वित्त वर्ष में 11% वृद्धि का अनुमान
डीबीएस रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक गतिविधियों से पाबंदी हटने के बाद त्योहारों के मौसम में मांग बढ़ने, दूसरी खपत बढ़ने और क्षमता उपयोग में सुधार आने से अर्थव्यवस्था में सुधार आया है. इसके साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में भी गतिविधियां शुरू हुई हैं.
साल 2020-21 की आर्थिक समीक्षा में अगले वित्त वर्ष के दौरान 11 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया गया है. यह अनुमान रिजर्व बैंक के 10.5 फीसदी वृद्धि के अनुमान से मामूली अधिक है. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुताबिक 2021 में भारत 11.5 प्रतिशत वृद्धि हासिल करेगा.