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Further, the increase in the limit of tax deduction in Section 80D of the Income Tax Act can help better penetration of health insurance.
भारत को वैश्विक निवेश का प्रमुख केंद्र या हॉटस्पॉट बनाने के लिए आर्थिक सुधार इसी रफ्तार से जारी रहेंगे. यह भरोसा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इंडस्ट्री को दिलाया है. उन्होंने सोमवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार भारत को निवेश का केंद्र बनाने की दिशा में कदम उठा रही है. सुधारों को जारी रखा जाएगा. उन्होंने भविष्य में कुछ और बड़े सुधारों का भी संकेत दिया. उन्होंने कहा कि बड़े स्तर पर कुछ और सुधारों के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.
रिफॉर्म्स को रफ्तार देने का अवसर
सीतारमण ने कहा कि भारत ने कोविड19 महामारी से पैदा हुए संकट को आर्थिक सुधारों को पुश देने का अवसर बना लिया है. ये सुधार कई दशकों से पेंडिंग थे. महामारी के वक्त में भी हमारे पीएम ने बड़े सुधार करने के मौके को नहीं खोया. आगे कहा कि वित्तीय सेक्टर को प्रोफेशनलाइज किया जा रहा है और सरकार अपने विनिवेश एजेंडे को आगे भी जारी रखेगी.
चालू खाते का सरप्लस दर्ज करेगा भारत
CII के कार्यक्रम में मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) केवी सुब्रमणियम ने उम्मीद जताई है कि चालू वित्त वर्ष में भारत चालू खाते (करंट अकाउंट) का घाटा नहीं बल्कि अधिशेष (सरप्लस) दर्ज कर सकता है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था में उत्पादन अधिक है, जबकि मांग कम है यानी ‘अंडर हीटिंग’ की स्थिति है, जिसके चलते आयात घटेगा. इससे देश चालू खाते का सरप्लस हासिल कर सकता है.
सुब्रमणियम ने कहा, ‘‘तथ्य यही है कि इस साल हम चालू खाते का सरप्लस दर्ज कर सकते हैं. पहली तिमाही में हमारा चालू खाते का सरप्लस 20 अरब डॉलर के आसपास रहा. स्पष्ट तौर पर यह 19.8 अरब डॉलर रहा है. यदि आगामी तिमाहियों में हमें इस तरह का प्रदर्शन देखने को नहीं मिलता है, तो भी हम चालू खाते का सरप्लस दर्ज कर सकते हैं.’’