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Manufacturing PMI: भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियों में अप्रैल महीने के दौरान मामूली सुधार देखने को मिला है.
Manufacturing PMI: भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियों में अप्रैल महीने के दौरान मामूली सुधार देखने को मिला है. देश में मैन्युफैक्चरिंग के लिए स्थितियां बेहतर होने के कारण अप्रैल में मैन्युफैक्चरिंग PMI 55.5 पर स्थिर रहा. मार्च में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का PMI 55.4 पर रहा था, जो सात महीने का निचला स्तर था. मैन्युफैक्चरिंग PMI के 50 से ऊपर पर बढ़ोतरी और 50 से कम होने पर कमी का संकेत मिलता है. सर्वे में कहा गया है कि कंपनियों ने डिमांड में और सुधार होने के साथ प्रोडक्शन बढ़ाया है.
कोविड-19 ने डाला असर
कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच नए ऑर्डर और आउटपुट की रफ्तार 8 माह के निचले स्तर पर आ गई है. IHS मार्किट में एसोसिएट डायरेक्टर (इकोनॉमिक्स) पॉलियाना डि लीमा का कहना है कि कोविड-19 संकट के और गहरा जाने से नए ऑर्डर और आउटपुट के ग्रोथ में और नरमी देखने को मिली. लिमा ने कहा कि मैन्युफैक्चरर्स जिन परेशानियों का सामना कर रहे हैं, उन्हें नजरंदाज नहीं किया जा सकता है. जहां तक लागत का सवाल है तो सर्वे में शामिल प्रतिभागियों ने लागत व्यय में तेज वृद्धि का संकेत दिया है.
नौकरियों में छंटनी की दर घटी
सर्वे में कहा गया है कि कोरोना वायरस का संकट बढ़ने की वजह से प्रॉडक्शन और सेल्स पिछले अगस्त से सबसे धीमी रफ्तार से बढ़े हैं, लेकिन इंटरनेशनल ऑर्डर्स में तेजी आई है. अप्रैल में लगातार 9वें महीने में नए एक्सपोर्ट ऑर्डर बढ़े हैं और यह बढ़ोतरी पिछले वर्ष अक्टूबर से सबसे तेज रफ्तार से हुई है. यह भारतीय सामान की विदेश में डिमांड बढ़ने से हुआ है. रोजगार के मोर्चे पर मैन्युफैक्चरिंग इंम्प्लॉयमेंट में गिरावट जारी है. अप्रैल में भी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में छंटनी जारी रही. हालांकि छंटनी की दर पिछले 13 माह में सबसे धीमी रही.