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देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 4.7 फीसदी रही है.
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विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट की वजह से देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की तीसरी (अक्टूबर-दिसंबर) तिमाही में धीमी पड़कर 4.7 फीसदी रही है. यह किसी तिमाही में इसका सात साल का न्यूनतम स्तर है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के शुक्रवार को जारी आंकड़े के मुताबिक इससे पूर्व वित्त वर्ष 2018-19 की इसी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 5.6 फीसदी रही थी. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) की आर्थिक वृद्धि दर को संशोधित कर 5.1 फीसदी किया गया है जबकि पूर्व में इसके 4.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था. इसी तरह 2019-20 की पहली तिमाही के लिये जीडीपी वृद्धि दर का संशोधित आंकड़ा पहले के पांच फीसदी से बढ़कर 5.6 फीसदी हो गया.
FY20 में GDP 5% रहने का अनुमान
चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही की जीडीपी वृद्धि 2012-13 की जनवरी-मार्च तिमाही के बाद सबसे कम है. उस समय वृद्धि दर 4.3 फीसदी रही थी.
चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों (अप्रैल-दिसंबर) में आर्थिक वृद्धि दर 5.1 फीसदी रही जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 6.3 प्रतिशत थी. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने पिछले महीने अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर 5 फीसदी रहने का अनुमान जताया था. वहीं रिजर्व बैंक ने भी चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 5 फीसदी रहने की संभावना जताई है.
मैन्युफैक्चरिंग में ग्रोथ घटी
NSO के आंकड़े के मुताबिक 2019-20 की तीसरी तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सकल मूल्य वर्धन (GVA) में 0.2 फीसदी की गिरावट आई जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में इसमें 5.2 प्रतिशत वृद्धि हुई थी. हालांकि, कृषि क्षेत्र की GVA वृद्धि दर आलोच्य तिमाही में बढ़कर 3.5 फीसदी रही जो एक साल पहले 2018-19 की तीसरी तिमाही में 2 फीसदी थी.
निर्माण क्षेत्र की जीवीए वृद्धि दर भी चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में घटकर 0.3 फीसदी पर आ गई जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में 6.6 फीसदी थी. खनन क्षेत्र की वृद्धि दर आलोच्य तिमाही में 3.2 फीसदी रही जबकि एक साल पहले तीसरी तिमाही में इसमें 4.4 फीसदी की गिरावट आयी थी.
अर्थव्यवस्था में सुस्ती के संकेत दिखने के बाद सरकार ने आर्थिक सुधार के लिए कई कदम उठाए थे. वित्त मंत्री ने कई फैसलों का एलान किया था जिसमें डिमांड बढ़ाने के लिए कॉपरोरेट टैक्स में कटौती, बैंकों का विलय आदि शामिल हैं.
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अर्थव्यवस्था में स्थिरता दिखाई देना अच्छा संकेत: सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि अर्थव्यवस्था में स्थिरता दिखाई देना अच्छा संकेत है. चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 4.7 फीसदी रहने के आधिकारिक आंकड़े जारी होने के कुछ ही देर बाद उन्होंने यह कहा. समाचार चैनल सीएनबी टीवी 18 के बिजनेस लीडरशिप पुरस्कार समारोह में सीतारमण ने यह साफ किया कि वह आंकड़े में कोई उछाल आने की उम्मीद नहीं कर रही थी. आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवती ने जीडीपी आंकड़े पर कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट का दौर अब खत्म हो गया है.
(Input: PTI)