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Aadipurush and Chandrayaan-3: प्रभास और कृति सेनन की फ़िल्म आदिपुरुष को इस साल जून में रिलीज किया गया था लेकिन खराब डायलॉग को लेकर उस समय कई विवाद पैदा हुए थे.
Aadipurush and Chandrayaan-3: भारत ने कल यानी बुधवार को चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरकर इतिहास रच दिया है. भारत चांद के साउथ पोल पर पहुचने वाला दुनिया का पहला और चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का चौथा बन गया है. इस पूरे प्रोजेक्ट की कीमत 615 करोड़ रुपये थी. लेकिन क्या आपको पता है कि ये ऐतिहासिक प्रोजेक्ट 'आदिपुरुष' के टोटल बजट (600-650 करोड़ या $75 मिलियन) से भी कम कीमत पर सफल हुई है? इस बीच सोशल मीडिया पर लोग इस बात को लेकर चटकारे ले रहे हैं. आदिपुरुष पर कमेंट करते हुए लोग कह रहे हैं कि उन्हें यह फिल्म बनाने के बजाय सारे पैसे इसरो को दे देना चाहिए था. प्रभास और कृति सेनन की फ़िल्म आदिपुरुष को इस साल जून में रिलीज किया गया था लेकिन खराब डायलॉग को लेकर उस समय कई विवाद पैदा हुए थे. फिल्म बॉक्स-आफिस पर उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई थी.
इन फिल्मों से भी सस्ता है चंद्रयान-3 का बजट
चंद्रयान-3 मिशन हाल में चर्चा में रहे हॉलीवुड की दो फिल्में 'बार्बी' ($145 मिलियन) और क्रिस्टोफर नोलन की 'ओपेनहाइमर' ($100 मिलियन) से भी सस्ता है. नोलन की 2013 में बनी स्पेस फिल्म 'इंटरस्टेलर' का बजट 165 करोड़ रुपये था. ये फिल्म भविष्य पर आधारित है और जिसमें अन्य शानदार मशीनों के अलावा एक भारतीय सौर ऊर्जा संचालित ड्रोन का भी इस्तेमाल किया गया है. स्पेस ट्रेवल फिल्म रिडले स्कॉट की मैट डेमन स्टारर 'द मार्टियन' (2015) का निर्माण 106 मिलियन डॉलर में किया गया था.
बोइंग विमान से भी सस्ता चंद्रयान-3
चंद्रयान-3 किसी भी बोइंग विमान की औसत लिस्टेड कीमत से भी सस्ता है. एयर-इंडिया ने हाल ही में 220 विमानों का ऑर्डर दिया है और जिन 250 एयरबस विमानों का सौदा तय किया गया है, उनकी कीमतों पर नजर डालें तो चंद्रयान-3 भी सस्ता है. प्रत्येक एयरबस 320neo की कीमत 110.60 मिलियन डॉलर है. चंद्रयान-3 की कीमत एयरबस 321neo ($129.50 मिलियन) से भी कम है, और A350-1000 ($366.50 मिलियन) और A350-900 ($317.40 मिलियन) की कीमत के एक चौथाई से भी कम है.
साउथ पोल पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश भारत
इसरो ने 23 अगस्त को शाम 06.04 बजे IST पर चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान की सॉफ्ट लैंडिंग की योजना बनाई थी और वह इसमें सफल भी हुआ. चंद्रमा मिशन 14 जुलाई को दोपहर 2.35 बजे श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था. चंद्रयान-3 लैंडर मॉड्यूल की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग भारत को चंद्रमा की सतह तक पहुंचने वाले देशों के विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया है. इससे पहले बस संयुक्त राज्य अमेरिका, तत्कालीन सोवियत संघ और चीन ही चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाले देश हैं. हालांकि इसमें से कोई भी देश अभी तक चंद्रमा के साउथ पोल पर नहीं छू पाया था. चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का फॉलो-अप मिशन है. इसरो का दूसरा प्रयास 7 सितंबर, 2019 को टचडाउन का प्रयास करते विफल हो गया था.