scorecardresearch

Bajaj Allianz, ICICI Prudential Life को कारण बताओ नोटिस, 2017 से अब तक भारी टैक्स चोरी का आरोप : सूत्र

सूत्रों के मुताबिक भारतीय टैक्स अधिकारी 16 इंश्योरेंस कंपनियों के खिलाफ जांच कर रहे हैं, जिन पर करीब 5 हजार करोड़ रुपये की टैक्स देनदारी बनती है.

सूत्रों के मुताबिक भारतीय टैक्स अधिकारी 16 इंश्योरेंस कंपनियों के खिलाफ जांच कर रहे हैं, जिन पर करीब 5 हजार करोड़ रुपये की टैक्स देनदारी बनती है.

author-image
FE Hindi Desk
New Update
Bajaj Allianz, ICICI Prudential, Show Cause Notice

सूत्रों के मुताबिक कई बीमा कंपनियों पर तय सीमा से ज्यादा कमीशन देने और उसे विज्ञापन- मार्केटिंग खर्च बताकर टैक्स क्रेटिड क्लेम करने का आरोप है.

Show Cause Notices to Bajaj Allianz, ICICI Prudential : भारत के टैक्स अधिकारियों ने बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस (Bajaj Allianz Life Insurance) और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस (ICICI Prudential Life Insurance) पर 2017 से अब तक की टैक्स चोरी करने का आरोप लगाते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं. यह दावा अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से किया है. सूत्रों ने यह भी बताया है कि भारतीय टैक्स अधिकारी 16 इंश्योरेंस कंपनियों के खिलाफ जांच कर रहे हैं, जिन पर करीब 610 मिलियन डॉलर यानी लगभग 5 हजार करोड़ रुपये की कथित टैक्स देनदारी बनती है.

सितंबर से हो रही है जांच : सूत्र

रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इंश्योरेंस कंपनियों के खिलाफ जांच पिछले साल सितंबर में ही शुरू हो गई थी. सूत्रों के मुताबिक यह जांच इसलिए शुरू की गई है, क्योंकि कई इंश्योरेंस कंपनियां रेगुलेटर द्वारा निर्धारित सीमा से ज्यादा सेल्स कमीशन देती हैं और फिर उस रकम को विज्ञापन और मार्केटिंग पर किया गया खर्च बताकर उस पर टैक्स क्रेटिड भी क्लेम कर लेती हैं. न्यूज एजेंसी के मुताबिक टैक्स अथॉरिटीज़ का अनुमान है कि 16 इंश्योरेंस कंपनियों पर इस मामले में बकाया टैक्स, ब्याज और पेनाल्टी को मिलाकर करीब 5 हजार करोड़ रुपये या 610 मिलियन अमेरिकी डॉलर की देनदारी बनती है. यह देनदारी जुलाई 2017 में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लागू किए जाने से लेकर अब तक की है.

Advertisment

Also read : Adani Group ने शुरू किया 1040 करोड़ का डेट बायबैक, हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद पहली बार इतना बड़ा ऑफर

अन्य बीमा कंपनियों को भी भेजा जाएगा नोटिस

सूत्रों ने बताया कि भारत के डायरेक्टरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स इंटेलिजेंस (DGGI) की तरफ से इस मामले में जल्द ही अन्य बीमा कंपनियों को भी कारण नोटिस भेजा जाएगा, जिसकी प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है. रॉयटर्स ने कहा कि उसे यह जानकारी जिन दो सूत्रों से मिली है, उनमें एक सरकारी अधिकारी शामिल हैं. न्यूज एजेंसी के मुताबिक टैक्स अथॉरिटीज़ ने अपनी इस जांच के सिलसिले में कुछ ऐसे बैंकों से भी सवाल पूछे हैं, जो कॉरपोरेट एजेंट के तौर पर अपने ग्राहकों को इंश्योरेंस पॉलिसी बेचते हैं.

रॉयटर्स के मुताबिक उसने इस मामले में प्रतिक्रिया जानने के लिए भारत सरकार के वित्त मंत्रालय, बजाज आलियांज और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल से संपर्क किया, लेकिन उनकी तरफ से अब तक कोई टिप्पणी नहीं की गई है. एजेंसी के मुताबिक उसे जानकारी देने वाले सभी सूत्रों ने अपनी पहचान उजागर नहीं करने को कहा है, क्योंकि उन्हें मीडिया से बात करने की इजाजत नहीं है.

Also read : Innovation Theme: म्‍यूचुअल फंड में नया ट्रेंड, इनोवेशन थीम वाली स्‍कीम में क्‍यों करना चाहिए निवेश?

1 अप्रैल से बदल गया है नियम

हालांकि IRDAI ने सेल्स कमीशन पर अलग से लगाई गई लिमिट को 1 अप्रैल 2023 से खत्म कर दिया है. नए नियमों के तहत ऑपरेटिंग एक्सपेंस और कमीशन को एक साथ जोड़कर उसकी सीमा तय की गई है. बीमा उद्योग की कंपनियां मांग कर रही हैं कि इस नियम को पिछली तारीख से लागू किया जाए. अगर IRDAI ने उनकी मांग मंजूर कर ली, तो बीमा कंपनियों पर टैक्स देनदारी का DGGI का दावा और इस सिलसिले में जारी जांच का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा.

(Input : Reuters)

Icici Prudential Life Insurance Bajaj Allianz Life Insurance Irdai