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रूस में विकसित वैक्सीन को मंजूरी देने वाला भारत दुनिया का 60वां देश, Dr Reddy's Lab समेत कई भारतीय कंपनियां करेंगी उत्पादन
Russian Vaccine Sputnik V Approved In India: कोरोना से बचाव के लिए रूस में विकसित वैक्सीन स्पुतनिक वी (Sputnik V) का भारत में बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाएगा. देश में एक साल के भीतर इस वैक्सीन की 8.5 करोड़ से ज्यादा डोज़ तैयार की जाएंगी. जिसके लिए भारत की 6 कंपनियों के साथ करार किया जा चुका है. यह जानकारी रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (Russian Direct Investment Fund (RDIF) ने दी है. RDIF रूस की सरकार द्वारा स्थापित वेल्थ फंड है. भारत से पहले जिन 59 देशों में रूस की इस वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल मिल चुका है, उनमें अर्जेंटीना, बोलीविया, हंगरी, यूएई, मेक्सिको, पाकिस्तान, बहरीन और श्रीलंका शामिल हैं.
स्पुतनिक वी बेहद प्रभावशाली वैक्सीन : RDIF
RDIF का दावा है कि स्पुतनिक वी बेहद प्रभावशाली वैक्सीन है और अब तक इसके कोई गंभीर साइडइफेक्ट या स्ट्रॉन्ग एलर्जी सामने नहीं आई है. RDIF के मुताबिक रूसी वैक्सीन का असर ज्यादा समय तक रहता है, क्योंकि इसकी दोनों खुराकों में दो अलग-अलग वेक्टर या सक्रिय तत्वों का इस्तेमाल किया गया है.
10 डॉलर से कम होगा एक खुराक का दाम
स्पुतनिक वी की एक खुराक का दाम 10 डॉलर से कम होने की उम्मीद है. स्पुतनिक वी भारत में इस्तेमाल की जाने वाली तीसरी कोरोना वैक्सीन होगी. DCGI इससे पहले COVID-19 की दो वैक्सीन्स भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और ऑक्सफोर्ड-आस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड को इमरजेंसी अप्रूवल दे चुकी है. भारत में ऑक्सफोर्ड-आस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का निर्माण पुणे की कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) कर रही है.
भारत में भी परीक्षण के बाद दी गई मंजूरी
भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल (DCGI) ने स्पुतनिक वी को इमरजेंसी यूज़ ऑथराइजेशन की प्रक्रिया के तहत मंजूरी दी है. यह मंजूरी रूस में किए गए ट्रायल के नतीजों और भारत में किए गए तीसरे चरण के अतिरिक्त ट्रायल के सकारात्मक नतीजे सामने आने के बाद दी गई है. भारत में स्पुतनिक वी के ट्रायल डॉ रेड्डीज़ लैबोरेटरीज के साथ मिलकर किए गए हैं.
भारत में स्पुतनिक वी के उत्पादन के लिए 6 कंपनियों से करार : RDIF
RDIF के मुताबिक उन्होंने भारत में स्पुतनिक वी के उत्पादन के लिए डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के अलावा ग्लैंड फार्मा (Gland Pharma) हेटेरो बायोफार्मा (Hetero Biopharma), पैनेसिया बायोटेक (Panacea Biotec), स्टेलिस बायोफार्मा (Stelis Biopharma) और विरचॉव बायोटेक (Virchow Biotech) के साथ भी करार किए हैं. यह सभी कंपनियां मिलकर भारत में हर साल वैक्सीन के कुल 8.5 करोड़ डोज़ तैयार करेंगी, जिनका इस्तेमाल भारत में टीकाकरण के साथ ही साथ दुनिया के बाकी देशों में सप्लाई के लिए भी किया जाएगा.
दुनिया की 40 फीसदी आबादी के लिए इस्तेमाल की मंजूरी
रूस की इस वैक्सीन को अब तक दुनिया के जिन देशों में इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है, उनकी जनसंख्या लगभग 3 अरब यानी दुनिया की कुल आबादी के 40 फीसदी के बराबर है. RDIF ने उम्मीद जाहिर की है कि भारत स्पुतनिक वी के वैश्विक उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र बनेगा. RDIF के सीईओ किरिल दिमित्रेव ने बताया कि रूसी वैक्सीन की एफिकेसी यानी प्रभावकारिता 91.6 फीसदी है और यह कोविड-19 इंफेक्शन के खतरनाक रूप लेने से पूरी तरह बचाव करती है. उन्होंने बताया स्पुतनिक के बारे में यह बातें दुनिया के जाने-माने मेडिकल रिसर्च जर्नल लैंसेट (Lancet) में भी आंकड़ों के आधार पर प्रकाशित हो चुकी हैं.