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देश में 18 साल बाद ट्रेड सरप्लस, एक्सपोर्ट-इंपोर्ट दोनों में लगातार चौथे माह गिरावट

भारत के निर्यात में जून महीने में 12.51 फीसदी की गिरावट आई.

भारत के निर्यात में जून महीने में 12.51 फीसदी की गिरावट आई.

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देश में 18 साल बाद ट्रेड सरप्लस, एक्सपोर्ट-इंपोर्ट दोनों में लगातार चौथे माह गिरावट

India witnesses trade surplus after 18 years, Export import fall for the fourth straight month in June मुख्य रूप से पेट्रोलियम, कपड़ा, इंजीनियरिंग सामान और रत्न एवं आभूषण के निर्यात में गिरावट से कुल निर्यात कम हुआ है. Image: Reuters

भारत के निर्यात में जून महीने में 12.51 फीसदी की गिरावट आई. यह लगातार चौथा महीना है, जब निर्यात घटा है. मुख्य रूप से पेट्रोलियम, कपड़ा, इंजीनियरिंग सामान और रत्न एवं आभूषण के निर्यात में गिरावट से कुल निर्यात कम हुआ है. हालांकि आयात में 47.59 फीसदी की गिरावट के कारण 18 साल में पहली बार ट्रेड सरप्लस की स्थिति आई है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार कोविड-19 के कारण कमजोर वैश्विक मांग से जून में निर्यात 12.41 फीसदी घटकर 21.91 अरब डॉलर रहा.

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हालांकि जून में निर्यात का आंकड़ा सुधरा है क्योंकि अप्रैल में इसमें 60.28 फीसदी और मई में 36.47 फीसदी की गिरावट आई थी. आंकड़ों के अनुसार आयात भी लगातार चौथे महीने घटा. आलोच्य माह में यह 47.59 फीसदी घटकर 21.11 अरब डॉलर रहा. इसके कारण आलोच्य महीने में 0.79 अरब डॉलर के ट्रेड सरप्लस की स्थिति रही. पिछले 18 साल में यह पहला मौका है जब ट्रेड सरप्लस की स्थिति उत्पन्न हुई है. इससे पहले जनवरी, 2002 में 10 अरब डॉलर का ट्रेड सरप्लस हुआ था.

जून में एक्सपोर्ट-इंपोर्ट का आंकड़ा

तेल आयात जून महीने में 55.29 फीसदी घटकर 4.93 अरब डॉलर रहा. सोने का आयात भी आलोच्य महीने में 77.42 फीसदी घटकर 60.87 करोड़ डॉलर रहा. निर्यात वाले जिन क्षेत्रों में नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है, उसमें रत्न एवं आभूषण (-50 फीसदी), चमड़ा (-40.5 फीसदी), पेट्रोलियम उत्पाद (-31.65 फीसदी), इंजीनियरिंग सामान (-7.5 फीसदी), सभी प्रकार के कपड़े सिले-सिलाए परिधान (-34.84 फीसदी), काजू (-27 फीसदी) शामिल हैं.

आयात खंड में जिन क्षेत्रों में गिरावट दर्ज की गई है उनमें सोना, चांदी, परिवहन उपकरण, कोयला, उर्वरक, मशीनरी और मशीन उपकरण शामिल हैं. हालांकि तिलहन, कॉफी, चावल, तंबाकू, मसाला, औषधि और रसायन के निर्यात में जून में वृद्धि दर्ज की गई. आंकड़ों पर अपनी प्रतिक्रिया में भारतीय तिलहन एवं उपज निर्यात संवर्धन परिषद (आईओपीईपीसी) के चेयरमैन खुशवंत जैन ने कहा कि अच्छा उत्पादन होने और निर्यात बढ़ाने के सरकार के उपायों से तिलहन निर्यात बढ़ा है. आने वाले महीनों में भी वृद्धि बने रहने की उम्मीद है. वाणिज्य मंत्रालय हमारे सभी मसलों का समाधान कर रहा है.

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आर्थिक गतिविधियां धीरे-धीरे सुधर रही हैं

भारतीय व्यापार संवर्धन परिषद (टीपीसीआई) के चेयरमैन मोहित सिंगला ने कहा कि आर्थिक गतिविधियां धीरे-धीरे सुधर रही हैं. कई कामगार अब कामों खासकर मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्रों में लौटने लगे हैं. इससे मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में गतिविधियां सामान्य हो रही हैं और उद्योग वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए तैयार हो रहा है.

इक्रा की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि जून में वस्तु निर्यात सुधरा है लेकिन आयात लगातार कमजोर बना हुआ है, जिससे ट्रेड सरप्लस की स्थिति उत्पन्न हुई है. आयात में देरी से सुधार को देखते हुए हमारा अनुमान है कि वस्तु व्यापार घाटा 2020-21 की पहली तिमाही में कम होकर 10 से 12 अरब डॉलर रहेगा, जो 2019-20 की पहली तिमाही में करीब 46 अरब डॉलर था. हमारा अनुमान है कि चालू खाते के मोर्चे पर 2020-21 की पहली तिमाही में करीब 14 से 16 अरब डॉलर का सरप्लस होगा.

Q1 मे आयात-निर्यात का आंकड़ा

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल-जून के दौरान निर्यात 36.71 फीसदी घटकर 51.32 अरब डॉलर रहा, जबकि आयात 52.43 फीसदी घटकर 60.44 अरब डॉलर रहा. इससे वित्त वर्ष के पहले तीन महीने में व्यापार घाटा 9.12 अरब डॉलर रहा. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में तेल आयात 62.47 फीसदी घटकर 13.08 अरब डॉलर रहा. एक साल पहले इसी तिमाही में यह 34.85 अरब डॉलर का था. वित्त वर्ष 2019-20 में निर्यात 314.31 अरब डॉलर रहा था.

Input: PTI

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