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भारतीय सेना कड़ाके की सर्दी से जूझने के लिए तीव्र गति से सैनिकों के लिए नए शेल्टर भी तैयार कर रही है.
भारतीय सेना (India Army) की आर्मर्ड (बख्तरबंद) रेजिमेंट्स पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के निकट 14500 फीट से अधिक के ऑल्टीट्यूड्स पर चीनी सेना के किसी भी कदम से निपटने के लिए तैयार हैं. यह ऑल्टीट्यूड टैंक और इन्फैन्टरी कॉम्बैट व्हीकल्स के लिए दुनिया में सबसे उच्च बैटलफील्ड है. बता दें कि चीन के साथ पिछले लगभग 5 माह से तनातनी चल रही है, जो फिलहाल कम होती नजर नहीं आ रही है. बातचीतों के कई दौर के बावजूद चीन के अड़ियल रवैये को देखते हुए भारत ने भी सीमा पर अपनी पोजिशन मजबूत करनी शुरू कर दी है. भारतीय सेना कड़ाके की सर्दी से जूझने के लिए तीव्र गति​ से सैनिकों के लिए नए शेल्टर भी तैयार कर रही है.
बॉर्डर पर चीनी सेना की आर्मर्ड रेजिमेंट्स की तैनाती को देखते हुए भारतीय सेना भी पूर्वी लद्दाख में एलएसी के करीब चुमार-देमचोक इलाके में चीन की सेना के किसी भी कदम से टक्कर लेने के लिए तैयार है. इसके लिए सेना ने टी-90 भीष्म, टी-72 टैंकों और BMP-2 इन्फैन्टरी कॉम्बैट व्हीकल्स को तैनात किया है. ये माइनस 40 डिग्री सेल्सियत तक के टेंपरेचर में भी ऑपरेट कर सकते हैं. टी-90 भीष्म टैंक में आर्मी 3 तरह के फ्यूल का इस्तेमाल करती है ताकि यह कड़ाके की सर्दी में भी न जमे.
रात में -35 डिग्री तक ​चला जाता है तापमान
पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में बेहद कड़ाके की ठंड पड़ती है. वहां सर्दियों में तापमान रात में आमतौर पर माइनस 35 डिग्री तक चला जाता है. साथ ही बहुत तेज ठंडी हवा भी चलती है. 14 कॉर्प्स के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल अरविंद कपूर ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि ऐसी कठिन जगहों पर टैंक्स, इन्फैन्टरी कॉम्बैट व्हीकल्स और भारी गन्स का मेंटीनेंस एक चुनौती है. क्रू व इक्विपमेंट रेडी रहें, इसके लिए इन्सान और मशीन दोनों के​ लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं.
आगे कहा कि खराब मौसम का सामना करने के लिए आर्मी लॉजिस्टिक रूप से भी तैयार है, जैसे- हीटिंग अप्लायंसेज, हाई कैलौरी वाला और न्यूट्रीशियस राशन, तेल, सर्दियों के स्पेशल कपड़े, फ्यूल, स्पेयर्स आदि. सर्दियों के विशेष कपड़ों के साथ पर्याप्त ट्रेनिंग सैन्य दल का मोराल हाई रखती है और वे शॉर्ट नोटिस पर एक्शन लेने के लिए तैयार होते हैं. सर्दियों में भी क्रू की ट्रेनिंग और ड्रिल जारी रहेगी.
मिनटों में LAC पर पहुंच सकती है आर्मर्ड रेजिमेंट
एक टैंक सोल्जर के मुताबिक, मैकेनाइज्ड इनफैन्टरी इंडियन आर्मी का एडवांस्ड हिस्सा है. इसके पास किसी भी मौसम और किसी भी भूभाग में काम करने का अनुभव है. हाई मोबिलिटी एम्युनिशन और मिसाइल स्टोरेज जैसे फीचर्स के कारण यह लंबी अवधि तक लड़ने में सक्षम है. मैकेनाइज्ड इन्फैनटरी का गनर एक ट्रेन्ड सोल्जर होता है, जो विभिन्न तरह के हथियारों से फायरिंग कर सकता है. इंडियन आर्मर्ड रेजिमेंट्स में जरूरत पड़ने पर एलएसी पर मिनटों में पहुंचने की क्षमता है. हाल ही में जब 29-30 अगस्त की घटनाओं के बाद चीन ने अपने टैंक एक्टिवेट किए थे तो भारत की आर्मर्ड रेजिमेंट मिनटों में बॉर्डर पर पहुंच गई थी.
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Indian Army deploys T-90 & T-72 tanks along with BMP-2 Infantry Combat Vehicles which can operate at temperatures up to minus 40 degree Celsius, near Line of Actual Control in Chumar-Demchok area in Eastern Ladakh.
— ANI (@ANI) September 27, 2020
Note: All visuals cleared by competent authority on ground pic.twitter.com/8zlYGfyNJk
ठंड में रहने के भी हो रहे पुख्ता इंतजाम
आर्मी अपने सैनिकों के रहने का इंतजाम करने के लिए भी काफी तीव्रता से पहले से तैयार कंटेनर शेल्टर्स व बैरल शेल्टर्स को जगह-जगह प्लेस कर रही है. इनमें मिनिमम सीमेंट और रेत का इस्तेमाल होता है और इनमें सैनिकों को तेज हवा व सर्दी से बचाने और हीटिंग की पर्याप्त सुविधा होती है. इनमें टॉयलेट और किचन जैसी बेसिक जरूरतों की सुविधा भी रहती है.
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