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CII said the broad elements of the stimulus may include cash transfers amounting to Rs 2 lakh crore to JAM account holders, in addition to the Rs 1.7 lakh stimulus already announced.
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Clarification on Financial Year Date Confusion: केंद्र सरकार ने यह साफ कर दिया है कि कोरोना वायरस को चलते काम में आ रही दिक्कतों को देखते हुए मौजूदा फाइनेंशियल ईयर का कोई विस्तार नहीं किया गया है. मौजूदा साल 31 मार्च को ही खत्म हो रहा है. 1 अप्रैल यानी बुधवार से फाइनेंशियल ईयर 2021 की शुरुआत हो जाएगी. सरकार ने साफ किया है कि वित्त वर्ष को बढ़ाने वाली खबरें फर्जी हैं, इनमें किसी भी तरह की कोई सच्चाई नहीं है. इस बारे में वित्त मंतालय ने ट्वीट करके भी जानकारी दी है. इस बारे में सरकार की ओर से एक प्रेस नोट भी जारी कर जानकारी दी गई है. बता दें कि भारत में वित्त वर्ष की अवधि 1 अप्रैल से 31 मार्च तक की होती है.
सरकार ने मामला किया साफ
केंद्र सरकार ने ट्वीट कर कहा है कि कुछ ऐसी खबरें चल रही हैं कि वित्त वर्ष की समय-सीमा बढ़ाई गई है. भारत सरकार ने 30 मार्च 2020 को एक नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि इंडियन स्टांप एक्ट में कुछ संशोधन किए गए थे. इसका उद्देश्य शेयर मार्केट या एक्सचेंज के जरिए सिक्युरिटी मार्केट लेन-देन या स्टॉक एक्सचेंज डिपोजिटरीज द्वारा क्लियरिंग कॉरपोरेशन से होने वाले लेन-देन से स्टांप ड्यूटी संग्रह की प्रणाली को सक्षम बनाना है. बस इसी नोटिफिकेशन को लेकर कुछ लोगों में भ्रम हुआ और इस तरह की खबरें सामने आईं. लेकिन ऐसा कुछ नहीं है. आज यानी 31 मार्च को वित्त वर्ष 2020 खत्म हो रहा है.
#FactCheck: No! The current Financial Year 2019-20 is NOT being extended to June/July 2020.
Please don't fall for such fake news circulating on social media. The F.Y 2019-20 is as usual closing on 31.03.2020.
Details: https://t.co/dHsjvlD0UXpic.twitter.com/PnSTTYImBz
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) March 31, 2020
क्या थी अफवाह?
सोमवार को ऐसी खबरें आ रही थीं कि मौजूदा वित्त वर्ष जून तक बढ़ाया जा सकता है. असल में इंडियन स्टांप एक्ट में बदलाव पहले 1 अप्रैल 2020 से प्रभावी होने के लिए नोटिफाई किया गया था. लेकिन नए नोटिफिकेशन में कहा गया कि कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन है. इसके चलते जो परिस्थितियां बनी हैं, उसकी वजह से इसके लागू होने की तारीख 1 जुलाई 2020 कर दी जाए. इससे पूरे वित्त वर्ष पर कोई असर नहीं पड़ेगा. इसी के बाद वित्त वर्ष को विस्तार दिए जाने की बात फैल गई.