/financial-express-hindi/media/post_banners/aQMCHmA7Lsoibvw3xx86.jpg)
Mahua Moitra ने ट्विटर पर आरोप लगाया कि बिना टेंडर और सीवीसी मानक का पालन किए बिना इसे अडानी ग्रुप को सौप दिया गया
Indian Oil responds to allegations related to Adani Ports contract: अडानी समूह (Adani Group) विवाद को लेकर सरकार के खिलाफ कांग्रेस (Congress) पार्टी का हमला लगातार बढ़ता जा रहा है. कांग्रेस पार्टी ने 17 फरवरी को आरोप लगाया था कि राज्य के स्वामित्व वाली इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (Indian Oil Corporation) को अडानी पोर्ट्स (Adani Ports) से एलपीजी इम्पोर्ट करने के लिए मजबूर किया जा रहा था. इस गंभीर आरोप पर पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) का भी जवाब सामने आया है. आईओसी का कहना है कि अडानी समूह के साथ उसका टेक-या-पे समझौता नहीं हुआ था. गौरतलब है कि टेक-या-पे समझौता में खरीदार या ऑफ-टेकर को शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता होती है, भले ही वह सामान की डिलीवरी नहीं लेता है.
Facebook और Instagram पर ब्लू टिक के लिए चुकाने होंगे पैसे? जाने कब से शुरू हो सकती है सर्विस
कांग्रेस पार्टी के क्या है आरोप?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित एक बयान में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि अब हमें पता चला है कि जो आईओसी पहले सरकार द्वारा संचालित विशाखापत्तनम पोर्ट के माध्यम से एलपीजी आयात कर रही थी, अब एलपीजी आयात के लिए इसके बजाय गंगावरम पोर्ट का उपयोग होगा. कांग्रेस ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि इतना सब कुछ मात्र "टेक-या-पे" समझौते के तहत हो रहा है?
महुआ मोइत्रा ने क्या कहा?
जयराम रमेश के बयान के बाद तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने भी इस मामले में टिप्पणी की है. उन्होंने आईओसी और अडानी पोर्ट्स के बीच हस्ताक्षर किए गए शुरुआती समझौते को "घोटाला" और "खुलेआम चोरी" भी बताया है. महुआ ने ट्विटर पर आरोप लगाया कि बिना टेंडर और सीवीसी मानक का पालन किए बिना इसे अडानी ग्रुप को सौप दिया गया.
Brazen theft - @HardeepSPuri @CVC_India @Shipmin_India. No tender. No CVC norms. Moving business from Vizag Port to Gangavaram. Skimming from coal, skimming from gas, now skimming from ‘chula’ in every household. Shame! pic.twitter.com/nRF6fwv9Rf
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) February 15, 2023
आईओसी का क्या है बयान?
इस बीच आईओसी खुद के ऊपर लगाए गए आरोपों का जवाब देने के लिए सिलसिलेवार ट्वीट किया. आईओसी का मानना है कि अडानी समूह के साथ अभी तक कोई टेक-या-पे समझौता नहीं हुआ था. ट्वीट में लिखा गया है कि आईओसी ने अभी तक समूह के साथ गैर-बाध्यकारी एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं. आईओसी ने आगे कहा कि LPG टर्मिनल की सेवाएं लेने के लिए तेल विपणन कंपनियां वाजिब लागत पर उपलब्ध ढांचागत सुविधाओं का मूल्यांकन करती हैं. इसके लिए अलग से कोई टेंडर नहीं मंगाई जाती है. हालांकि आईओसी और अडानी पोर्ट्स के जवाबों में विरोधाभास दिख रहा है. अडानी पोर्ट्स ने अपने तिमाही नतीजों की घोषणा करते हुए कहा था कि गंगावरम बंदरगाह में पर एलपीजी भंडारण सुविधा के निर्माण के लिए इंडियन ऑयल के साथ ' टेक ऑर पे ' समझौते को लेकर एक एमओयू साइन किए गए हैं.