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भारतीय मूल की Sirisha Bandla आज भरेंगी अंतरिक्ष में उड़ान, आंध्र प्रदेश में हुआ था जन्म

सिरिशा बांदला अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की तीसरी महिला बनेंगी.

सिरिशा बांदला अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की तीसरी महिला बनेंगी.

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indian origin Sirisha Bandla will fly to space today born in andhra pradesh know full details

सिरिशा बांदला अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की तीसरी महिला बनेंगी. (Photo: AP)

भारतीय मूल की सिरिशा बांदला (Sirisha Bandla) आज अंतरिक्ष में सफर के लिए उड़ान भरेंगी. बांदला का जन्म आंध्र प्रदेश के गूंटूर जिले में हुआ था. 34 साल की बांदला Richard Branson के Virgin Galactic के रॉकेट पावर्ड स्पेस प्लेन यूनिटी 22 की छह सदस्यों वाली क्रू का हिस्सा हैं. वे अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की तीसरी महिला बनेंगी. भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा 3 अप्रैल 1984 को Soyuz T-11 पर गए थे. इसके बाद कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स नासा के अंतरिक्ष यात्री के तौर पर गई थीं.

2015 में Virgin Galactic ज्वॉइन किया था

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भारत में जन्मी सिरिशा बांदला ने अमेरिका की Purdue यूनिवर्सिटी से Aeronautical और Astronautical इंजीनियरिंग की है. इसके बाद उन्होंने जोर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से एमबीए भी की थी. उन्होंने साल 2015 में Virgin Galactic को ज्वॉइन किया था. वर्तमान में वे अमेरिकन Astronautical सोसायटी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और फ्यूचर स्पेस लीडर्स फाउंडेशन की सदस्य हैं.

सिरिशा वर्तमान में अमेरिका में वाशिंगटन डीसी में Virgin Galactic में गवर्मेंट अफेयर्स और रिसर्च ऑपरेशंस की वाइस प्रेसिडेंट हैं. सिरिशा के माता-पिता बी मुरलीधर और अनुराधा अमेरिकी सरकार के लिए काम करते हैं. उनकी बहन प्रत्यूशा अमेरिका में बायोलॉजिकल साइंस टेक्नीशियन हैं.

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उनके दादा Bandla Ragaiah गूंटूर में ही रहते हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि सिरिशा चार साल की थी, तभी से उड़ने को लेकर रूचि रखती थी और उसकी आंखें हमेशा आसमान पर टिकी थी. 83 साल के Bandla Ragaiah आंध्र प्रदेश राज्य द्वारा संचालित एनजी रंगा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में प्रिंसिपल साइंटिस्ट और प्रोफेसर के तौर पर काम करते हैं. उन्होंने बताया कि चार साल की उम्र में सिरिशा ने अमेरिका तक अकेले सफर किया है, जहां उनके माता-पिता और बड़ी बहन रहती थी. हालांकि, उनके साथ जाने वाला व्यक्ति उनका परिचित था, लेकिन सिरिशा के लिए वह अनजान था. सिरिशा अकेले उड़ान भरने के लिए डरी नहीं थीं. वे उत्सुक थीं.

सिरिशा आखिरी बार नवंबर 2019 में अपने दादाजी से मिलने आई थीं.