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रेलवे ने पश्चिम बंगाल में किया इलेक्ट्रिक रेल इंजन का ट्रायल; नहीं होगा पॉल्युशन, मेंटीनेंस पर खर्च कम

यह ट्रायल 19 नवंबर को किया गया और यह सफलतापूर्वक पूरा हुआ.

यह ट्रायल 19 नवंबर को किया गया और यह सफलतापूर्वक पूरा हुआ.

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FE Online
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Indian railways conducted Trial run of electric locomotive from New Coochbehar to Jalpaiguri Road in West Bengal

Image: Piyush Goyal Twitter

भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने पश्चिम बंगाल में न्यू कूचबिहार से लेकर जलपाईगुड़ी रोड के बीच इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव (रेल इंजन) का ट्रायल रन किया है. यह ट्रायल 19 नवंबर को किया गया और यह सफलतापूर्वक पूरा हुआ. यह जानकारी रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट के जरिए दी. गोयल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में केन्द्र सरकार पश्चिम बंगाल के रेल इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव कर राज्य के गर्व, उद्योग व संपन्नता को नए स्तरों तक ले जाने के लिए प्र​तिबद्ध है.

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यह पहली बार नहीं है, जब रेलवे ने कोविड काल में इलेक्ट्रिक रेल इंजन का ट्रायल किया है. अक्टूबर 2020 में चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स (CLW) ने एयरोडायनैमिकली डिजाइंड WAP5 पैसेंजर इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव्स की पहली खेप पेश की थी. इलेक्ट्रिक रेल इंजन इनवायरमेंट फ्रेंडली, प्रदूषण न करने वाले होते हैं और इनकी मेंटीनेंस कॉस्ट अन्य रेल इंजनों की तुलना में कम रहती है.

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CLW में सितंबर में बने 40 इलेक्ट्रिक रेल इंजन

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CLW, रेल मंत्रालय की पश्चिम बंगाल स्थित रेल इंजन मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री है. इस फैक्ट्री में सितंबर माह में लगभग 40 इलेक्ट्रिक रेल इंजनों का उत्पादन हुआ. वहीं वाराणसी की डीजल लोकोमोटिव वर्क्स ने जुलाई 2020 में 31 इलेक्ट्रिक रेल इंजन बनाए. रेल मंत्रालय ने एक बयान में इसे भारतीय रेलवे के लिए बड़ी उपलब्धि बताया था.

Piyush Goyal Indian Railways