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Vande Bharat : 2023 में लंबी दूरी की यात्री आसान होगी. वंदे भारत एक्सप्रेस को रेलवे स्लीपर कोच के साथ पेश करेगी.
Vande Bharat : वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन (Vande Bharat Express) ने रेल यात्रियों के ट्रैवल एक्सपीरिएंस को बदला है. 'मेक इन इंडिया' के तहत बनी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 2019 में शुरू की गई . उसके बाद से अब तक देश को सात वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की सौगात मिल चुकी है. शताब्दी ट्रनों के मुकाबले 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार और बेहतर फैसिलिटी से लैस वंदे भारत देश के ट्रैवल सेक्टर के लिए वरदान साबित हुई है.
अगर आप ये सोच रहे हैं कि आने वाले दिनों में आपको और भी बेहतर ट्रैवल एक्सपीरिएंस मिलेगी, तो आप सही हैं. दरअसल 2023 रेलवे के लिए गेम चेंजर होने वाला है. सेमी हाई-स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की सफलता के बाद मौजूदा साल में देश को वंदे मेट्रो ट्रेन की सौगात मिलेगी. यह ट्रेन अपनी बेहतरीन सुविधाओं के साथ यात्रियों के सफर के समय को घटाएगी. हाइड्रोजन से चलने वाली देश की पहली वंदे मेट्रो ट्रेन के बारे में आइए विस्तार से जानते हैं.
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Vande Metro Trains: हाइड्रोजन से चलने वाली देश की पहली वंदे मेट्रो ट्रेन
रेलवे इन दिनों हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलने वाली वंदे मेट्रो ट्रेन (Vande Metro trains) पर काम कर रही है. आने वाले दिनों में लॉन्च होने वाली वंदे मेट्रो ट्रेन 1950-1960 के दशक में बनी ट्रेनों की जगह लेगी. हाल ही में रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnaw) एलान भी कर चुके हैं कि वंदे मेट्रो ट्रेन एक बड़ी छलांग लगाने जा रही हैं. हाइड्रोजन से चलने वाली देश की पहली इको फ्रेंडली वंदे मेट्रो ट्रेन मिडिल और गरीब तबके की जरूरतों को पूरा करेगी. उन्होंने कहा कि इकोफ्रेंडली ट्रेन हर एक भारतीय के डेली लाइफ में बदलाव लाएगी. रेलवे की तरफ से उठाया गया ये कदम सरकार के बड़ी पहलों में से एक है क्योंकि हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन भारी मात्रा में एनर्जी की बचत करती हैं. साथ ही ये बहुत कम साउंड भी करती हैं नतीजतन वंदे मेट्रो ट्रेन बिल्कुल भी प्रदूषण नहीं फैलाती है.
बताया जा रहा है कि ये ट्रेन केवल स्टीम यानी भाप और एवोपोरेटेड पानी (Evaporated Water) बाहर निकालती है. ये भारत की पहली और दुनिया की दूसरी हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन होगी. बता दें कि फिलहाल जर्मनी दुनिया का पहला देश है जहां हाइड्रोजन से ट्रेन चलाई जा रही है. हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलने वाली वंदे मेट्रो ट्रेन भारत में कब लॉन्च होगी इसकी सटीक जानकारी नहीं मिली है. रेलमंत्री ने उम्मीद जाहिर की है कि वंदे मेट्रो ट्रेन इस साल मई-जून महीने के आसपास तैयार हो जानी चाहिए.
Vande Bharat 3.0 : स्लीपर क्लास वंदे भारत एक्सप्रेस
नए साल में लंबी दूरी का सफर और भी आसान होने वाला है. रेलवे वंदे भारत के तीसरे वर्जन की डिजाइन (Vande Bharat-3) पर काम कर रही है. दरअसल रेलवे वंदे भारत एक्सप्रेस में स्लीपर कोच जोड़ने की तैयारी कर रही है. रेल मंत्रालय ने ये जानकारी दी है. स्लीपर कोच के जुड़ जाने से वंदे भारत एक्सप्रेस के जरिए कम समय में लंबी दूरी की यात्रा आसानी से पूरी की जा सकेगी. रेलवे नए जनरेशन की ट्रेन के लिए 200 नई रेक की मैन्युफैक्चरिंग का टेंडर भी जारी कर चुकी है. ये सभी रेक केवल वंदे भारत में स्लीपर कोच शामिल करने के लिए डिजाइन किए जाने हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक वंदे भारत 3.0 ट्रेन की बॉडी एलुमिनियम से बनी होगी. पहले वंदे भारत एक्सप्रेस के मुकाबले नए जनरेशन की ट्रेन का वजन 2 से 3 टन कम होगा. स्लीपर कोच से लैस वंदे भारत 3.0 ट्रेन में wi-fi की सुविधा होगी. साथ ही इसमें पैसेंजर को अपडेटेड रखने के लिए LED स्क्रीन दिया होगा. सुरक्षित और आरामदायक सफर बनाने के लिए इस ट्रेन में ऑटोमैटिक फायर सेंसर, GPS सिस्टम समेत कई सुविधाएं जोड़ी जाएगी.
(Article : Sakshi Kuchroo)