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इंडियन रेलवे के रेलवे कोच फैक्ट्री ने इकोनॉमी क्लास Linke Hofmann Busch (LHB) एसी3-Tier कोच का पहला प्रोटोटाइप लांच कर दिया है.
Indian Railway News: कपूरथला स्थित भारतीय रेलवे के रेलवे कोच फैक्ट्री (RCF) ने इकोनॉमी क्लास Linke Hofmann Busch (LHB) एसी3-Tier कोच का पहला प्रोटोटाइप लांच कर दिया है. रेल मंत्रालय द्वारा जारी रिलीज के मुताबिक इसका सफल परीक्षण हो चुका है. रेल मंत्रालय के मुताबिक एलएचबी इकोनॉमी क्लास कोच को जरूरी सैंक्शन के बाद सभी मेल/एक्सप्रेस ट्रेन्स में लगाया जिनमें एलएचबी कोचेज हैं. हालांकि इसे राजधानी, शताब्दी, दुरंतो और जन शताब्दी जैसे स्पेशल टाइप ट्रेनों में नहीं लगाया जाएगा. इस कोच में यात्रियों के लिए खास सुविधाएं होंगी. सबसे पहले तो इसमें अधिक से अधिक यात्री सफर कर सकेंगे, इसके अलावा भी इसमें यात्रियों की सुविधाओं का खास ख्याल रखा गया है.
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LHB AC 3-tier Coach के नए वैरिएंट की खासियत
- यात्रियों के प्रयोग के लिए अधिक जगह मिलेगा और इससे कोच के अंदर भीड़ जैसी समस्या से निजात मिलेगी.
- एक कोच में अधिक संख्या में यात्री सफर कर सकते हैं. एलएचबी के एक कोच में 83 यात्रियों के लिए बर्थ मौजूद रहेगी.
- दिव्यांगजन को व्हीलचेयर के साथ कोच में प्रवेश करने के लिए सुविधा मिलेगी. इसके अलावा दिव्यांगजनों को टॉयलेट जाने में दिक्कत नहीं होगी और व्हीलचेयर एक्सेस भी रहेगा.
- कोच में बेहतर कूलिंग की सुविधा और सभी बर्थ के लिए इंडिविजुअल एसी वेंट्स की सुविधा.
- सीटें आरामदायक होगी और हल्के वजन वाली होंगी. इसके अलावा उनका मेंटेनेंस आसान होगा.
- यात्रियों को सीट पर अधिक सुविधाएं मिलेंगी. इसमें फोल्डेबल स्नैक टेबल्स के अलावा पानी की बोतल, मोबाइल फोन व पत्रिकाओं के लिए होल्डर की सुविधा रहेगी.
- हर बर्थ के लिए अलग से लाइट्स और मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट्स रहेगा ताकि अन्य यात्री डिस्टर्ब न हो सकें और आप अपनी सीट पर किताबें पढ़ सकें.
- इसमें मिडिल और अपर बर्थ पर जाने के लिए इस तरह सीढ़ियों को डिजाइन किया गया है कि बीच वाली और ऊपरी बर्थ पर जाना आसान हो जाएगा.
- मिडिल और अपर बर्थ पर अब दिक्कत कम होगी क्योंकि हेडरूम बढ़ाया गया है.
- भारतीय और वेस्टर्न स्टाईल के लैवटोरीज (टॉयलेट, वॉशबेशिन) की डिजाइन में सुधार किया गया है और अब यात्रियों को इससे शिकायत नहीं होगी.
- रात के अंधेरे में अपनी सीट खोजने में समस्या नहीं होगी क्योंकि बर्थ नंबर को हाईलाइट किया जाएगा और वे हल्के से नाइट लाइट्स में भी दिखेंगे.
- कोच बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक मैटेरियल्स का प्रयोग किया गया है जिससे फायर सेफ्टी इंप्रूव हुई है.